नयी दिल्ली, 14 जनवरी आपूर्ति शृंखला की चुनौतियां और इंजन संबंधी समस्याएं जारी रहने की आशंका के बीच देश के नागर विमानन उद्योग को चालू और अगले वित्त वर्ष में 2,000 से 3,000 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा होने का अनुमान है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह बात कही गई।
रेटिंग एजेंसी इक्रा की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में घरेलू हवाई यात्री परिवहन 153 लाख होने का अनुमान है जो नवंबर में दर्ज 142.5 लाख यात्रियों के मुकाबले 7.3 प्रतिशत अधिक है।
रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में दिसंबर महीने में सालाना आधार पर 10.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह कोविड-पूर्व स्तर यानी दिसंबर, 2019 की तुलना में 17.5 प्रतिशत अधिक थी।
इसके अलावा दिसंबर, 2024 में एयरलाइंस की क्षमता तैनाती दिसंबर, 2023 की तुलना में 7.5 प्रतिशत और नवंबर, 2024 की तुलना में 3.8 प्रतिशत अधिक रही।
इक्रा ने चालू वित्त वर्ष के साथ अगले वित्त वर्ष को मिलाकर विमानन उद्योग को 20-30 अरब रुपये का शुद्ध घाटा होने की आशंका जताई है। आपूर्ति शृंखला से जुड़ी चुनौतियों और इंजन से जुड़ी समस्याओं के कारण पिछले 18 महीनों में उद्योग की क्षमता प्रभावित हुई है और यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है।
इक्रा ने भारतीय विमानन उद्योग के लिए एक स्थिर नजरिया रखते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में घरेलू हवाई यात्री यातायात में मध्यम वृद्धि और अपेक्षाकृत स्थिर लागत परिवेश रहने की उम्मीद है।
हालांकि, रेटिंग एजेंसी ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में हवाई यात्री यातायात में रही वृद्धि की रफ्तार चालू वित्त वर्ष में मामूली रूप से कम होकर सात-10 प्रतिशत रह सकती है। उच्च आधार प्रभाव के अलावा पहली छमाही में मौसमी बाधाओं के कराण यात्री यातायात कम होना इसकी प्रमुख वजह है।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय एयरलाइन कंपनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्री यातायात वित्त वर्ष 2024-25 में 15-20 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है।
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