Russia Ukraine War: विदेश मंत्रालय ने भारतीयों को दिया भरोसा, घबराये नहीं; अपने हर नागरिक को देश वापस लाएंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंचकर भारतीयों की सुरक्षित एवं सुगम निकासी में समन्वय की जिम्मेदारी दी है. इसके तहत, केंद्रीय मंत्री वी के सिंह पोलैंड में, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया में, हरदीप पुरी हंगरी में जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोलदोवा में समन्वय करेंगे.
नयी दिल्ली: भारत (India) ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन (Ukraine) में जमीनी हालात बहुत मुश्किल और जटिल होने के बावजूद वह युद्धग्रस्त देश से अपने हर नागरिक को लायेगा, ‘‘ऐसे में (वहां पर फंसे भारतीय) घबराये नहीं, विदेश मंत्रालय (Foreign Ministry) की टीम से सम्पर्क करें तथा सीधे सीमा पर नहीं आएं.’’ सरकारी सूत्रों के अनुसार यूक्रेन में फंसे 1396 भारतीयों को अभी तक स्वदेश वापस लाया जा चुका है. Russia Ukraine Crisis: बुडापेस्ट से 240 भारतीय यात्रियों को लेकर नई दिल्ली के लिए रवाना हुई स्पेशल फ्लाइट
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यूक्रेन से अपने नागरिकों को वापस लाने के लिये सरकार सभी पक्षों के सम्पर्क में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच देशों से अभियान के समन्वय एवं देखरेख के लिये चार वरिष्ठ मंत्रियों को दायित्व सौंपा हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम भारतीयों को यूक्रेन के पश्चिमी इलाके की ओर जाने के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं. साथ ही हम इस बात पर भी जोर दे रहे हैं कि लोग सीधे सीमावर्ती क्षेत्र में नहीं पहुंचें. वे (भारतीय) पश्चिमी हिस्से में पहुंचे और पास के शहर में रुकें.’’
बागची ने कहा कि यदि वहां फंसे भारतीय सीधे सीमा पर पहुंचेंगे तक तब वहां काफी भीड़ लग जाएगी, ऐसे में उन्हें निकालने में काफी समय लगेगा. प्रवक्ता ने कहा , ‘‘घबराये नहीं. हमारी टीम (विदेश मंत्रालय) से सम्पर्क करें. अपने मौजूदगी के स्थान को साझा करें.’’
उन्होंने कहा कि विमानों की उड़ान हमारे लिये कोई समस्या नहीं है तथा अधिक उड़ान लगाई जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि एक बार लोग यूक्रेन से सीमा पार कर जाएं तो उन्हें निकाल लिया जाएगा.
बागची ने कहा, ‘‘यूक्रेन में हालात काफी कठिन हैं लेकिन चाहे जितना भी समय लगे, हम हर नागरिक को वापस लायेंगे.’’
गौरतलब है कि यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया के से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार केंद्रीय मंत्रियों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों में पहुंचकर भारतीयों की सुरक्षित एवं सुगम निकासी में समन्वय की जिम्मेदारी दी है. इसके तहत, केंद्रीय मंत्री वी के सिंह पोलैंड में, किरेन रिजिजू स्लोवाकिया में, हरदीप पुरी हंगरी में जबकि ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया और मोलदोवा में समन्वय करेंगे.
वहीं, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा कि अगले 24 घंटे में तीन और उड़ान निर्धारित की गई है जिसमें से दो बुखारेस्ट और एक बुडापेस्ट से भारतीयों को लेकर भारत आएगी. उन्होंने कहा कि आपरेशन गंगा अभियान के तहत छह उड़ानों से अब तक 1396 भारतीयों को लाया गया है और इनमें से किसी से एक रूपया शुल्क नहीं लिया गया है.
इससे पहले, विदेश मंत्रालत्र के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पोलैंड और लिथुआनिया में भरतीय मिशन के ट्वीट को रीट्वीट किया जिसमें कहा गया है, ‘‘यूक्रेन में फंसे भारतयों को भीड़भाड़ वाले शेहायनी से अन्य चौकियों की ओर जाने में मदद कर रहे हैं. उम्मीद करते हैं कि आज दिन में बाद में पोलैंड में उनका स्वागत करेंगे.’’
बागची ने ट्वीट किया, ‘‘शेहायनी में फंसे भारतीयों को पोलैंड में प्रवेश कराने के लिये अन्य पारगमन बिन्दुओं तक लाने को लेकर बस सेवा शुरू की.’’ यूक्रेन में फंसे भारत के लोगों को वापस लाने के लिए 'ऑपरेशन गंगा' अभियान के तहत छठी उड़ान बुडापेस्ट से दिल्ली पहुंच गई जिसमें 240 भारतीय नागरिक हैं.
यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने सोमवार को कीव में फंसे सभी भारतीय छात्रों को यूक्रेन की राजधानी में रेलवे स्टेशन पहुंचने की सलाह दी ताकि युद्धग्रस्त देश के पश्चिमी हिस्सों तक आगे की यात्रा कर सके.
दूतावास ने कहा कि कीव में सप्ताहांत कर्फ्यू हटा लिया गया है और वे शहर से बाहर निकलने के लिए रेलवे स्टेशन जा सकते हैं.
दूतावास ने ट्वीट किया, ‘‘कीव में सप्ताहांत कर्फ्यू हटा लिया गया है. सभी छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे पश्चिमी भागों तक जाने के लिए रेलवे स्टेशन जाएं. यूक्रेन रेलवे लोगों की निकासी के लिए विशेष ट्रेनें चला रहा है.
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