नयी दिल्ली, 22 जुलाई लोकसभा में बृहस्पतिवार को भोजनावकाश के बाद सदस्यों की कम उपस्थिति के मद्देनजर एक विधेयक पर चर्चा को टाल दिया गया और सदन की बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया।
सदन में आज प्रश्नकाल की शुरुआत कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों द्वारा सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ और अन्य विषयों को लेकर हंगामे के बीच हुई जिसके कारण बैठक को 20 मिनट के लिए स्थगित किया गया। हालांकि 11:30 बजे बैठक पुन: शुरू हुई तो प्रश्नकाल शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। इसके बाद शून्यकाल में सदस्यों ने शांतिपूर्ण माहौल में अपने-अपने विषय रखे।
इस दौरान सदन में हालांकि कांग्रेस के सदस्य नहीं दिखे ।
सोमवार से शुरू हुए मॉनसून सत्र में इससे पहले तीन दिन तक विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण कार्यवाही बाधित रही थी।
बृहस्पतिवार को भोजनावकाश के बाद बैठक 2:15 बजे पुन: शुरू हुई तो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने सदन की कार्यसूची में सूचीबद्ध ‘भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2020’ का उल्लेख करते हुए कहा कि सदन में सदस्यों की, विशेष रूप से विपक्षी दलों के सदस्यों की उपस्थिति बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि अंटार्कटिका को लेकर बहुत महत्वपूर्ण विधेयक है और पहली बार इस पर चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके कई ऐसे पहलू हैं जो सभी के ध्यान में आने चाहिए। उन्होंने कहा कि विधेयक पेश तो पहले ही किया जा चुका है, लेकिन अब इस पर चर्चा होनी है। सिंह ने आसन से अनुरोध किया कि विधेयक पर आज प्रस्तावित चर्चा को टाल दिया जाए।
पीठासीन सभापति भर्तृहरि महताब ने कहा कि महत्वपूर्ण विधेयक है और इस पर चर्चा हो तो अच्छा होगा। उन्होंने कहा कि सदन में आज विपक्ष की संख्या नहीं के बराबर है और सरकार की मंशा है कि बिना विपक्ष की उपस्थिति के विधेयक पारित नहीं किया जाना चाहिए।
भाजपा सांसद पी पी चौधरी ने कहा कि आज इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा के लिए विपक्ष को सदन में रहना चाहिए था। उन्होंने कहा कि सदस्यों का पहला कर्तव्य है कि सदन में रहकर इतने महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा करें लेकिन बड़े खेद का विषय है कि वे आज सदन में नहीं हैं।
सत्तारूढ़ पार्टी के निशिकांत दुबे ने भी इसी तरह की राय रखी।
पीठासीन सभापति महताब ने उक्त विधेयक पर बाद में चर्चा होने की सूचना देते हुए सदन की कार्यवाही अपराह्न 2 बजकर 20 मिनट पर दिनभर के लिए स्थगित कर दी।
सरकार ने पिछले बजट सत्र में निचले सदन में ‘भारतीय अंटार्कटिका विधेयक, 2022’ पेश किया था जिसमें अंटार्कटिका में भारत की अनुसंधान गतिविधियों तथा पर्यावरण संरक्षण के लिये विनियमन ढांचा प्रदान करने का प्रस्ताव किया गया है।
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