चंडीगढ़, 11 जनवरी: व्यक्तिगत रैलियां निकालने के लिए कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ पार्टी नेताओं के एक धड़े की अनुशासनिक कार्रवाई की मांग के बीच सिद्धू ने बृहस्पतिवार को कहा कि अनुशासन सभी के लिए एकसमान होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अनुशासन कुछ के लिए अलग और बाकियों के लिए अलग नहीं हो सकता. कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रभारी देवेन्द्र यादव से मुलाकात का जिक्र करते हुए सिद्धू ने कहा कि उनकी रैलियां, यादव के राज्य की तीन दिवसीय यात्रा से पहले ही निर्धारित थीं.
क्रिकेटर से राजनेता बने सिद्धू ने जोर देकर कहा कि पार्टी की विचारधारा लोगों तक पहुंचाना सभी की जिम्मेदारी है. यादव से मुलाकात से पहले सिद्धू ने 'एक्स' पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा, ''कौड़ी-कौड़ी बिके हुए लोग, समझौता करके घुटने पे टिके हुए लोग, अरे बरगद की बात करते हैं, गमलों में उगे हुए लोग.'' जब सिद्धू से 'एक्स' पर उनके पोस्ट के मतलब के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जनता सब जानती है.
कांग्रेस के कई नेताओं ने राज्य की इकाई से बिना विचार-विमर्श कर रैलियां निकालने के लिए सिद्धू के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और यादव ने नौ दिसंबर को कहा था कि वह पूर्व क्रिकेटर से इस बारे में बात करेंगे. बृहस्पतिवार को पंजाब इकाई के प्रभारी से मुलाकात के बाद सिद्धू ने कहा कि वह कांग्रेस की विचारधारा का प्रचार करने और कार्यकर्ताओं को पार्टी की विरासत से जोड़ने के लिए लोगों के बीच जा रहे थे. सिद्धू ने कहा, ''लोकतंत्र में जनता सबसे बड़ी ताकत होती है और यह हम सभी का कर्तव्य है कि कांग्रेस की विचारधारा को अपनाकर आलाकमान को सर्वोच्च मानें। हम इसका पालन करना होगा.''
उन्होंने जोर देकर कहा, ''लेकिन कोई व्यक्ति आपको वोट क्यों देगा जब तक आप उसे बताओगे नहीं कि आपने पंजाब के लिए क्या किया. हमें खुद को फिर से झोंकना होगा और बदलाव लाना होगा.'' सिद्धू ने कहा कि बिना कार्यकर्ताओं के कांग्रेस अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती क्योंकि ये कार्यकर्ता पार्टी की नींव है. सिद्धू ने जोर देकर कहा कि वह नींव को मजबूत करने के लिए ही लोगों के पास जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह पंजाब के पुनरुत्थान के लिए विचारधारा की लड़ाई है.
जब सिद्धू से यह पूछा गया कि क्या वह अपनी रैलियां जारी रखेंगे, जिसपर उन्होंने कहा कि उनकी रैलियां यादव के राज्य के दौरे से पहले निर्धारित थीं.सिद्दू ने कहा, ''मैंने उनसे (यादव) बात की और उन्हें बताया कि मेरे कार्यक्रम पहले से तय थे. अगर मुझे पता होता कि (पंजाब के प्रभारी की) बैठक है, तो मैं नौ जनवरी को रैली की योजना क्यों बनाता? '' उन्होंने कहा, ''हम भी कांग्रेस कार्यकर्ता हैं. क्यों किसी को आपत्ति होगी?'' सिद्धू ने राज्य इकाई से बिना पूछे बठिंडा में दो और होशियारपुर में एक सहित कुल तीन रैलियां की हैं.
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