इस्लामाबाद, 7 फरवरी : पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) को श्रद्धांजलि देने को लेकर सोमवार को सीनेट में नेताओं के बीच मतभेद सामने आया. मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद रविवार को दुबई में निधन हो गया था. जनरल मुशर्रफ (79) का दुबई स्थित एक अस्पताल में रविवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था. पाकिस्तानी संसद में परंपरा है कि देश के किसी जानेमाने नेता या व्यक्ति की मृत्यु होने पर संसद में ‘फातिहा’ पढ़ा जाता है.
हालांकि, सोमवार को जब मुशर्रफ के लिए फातिहा पढ़ने की बात आयी तो संसद के ऊपरी सदन सीनेट के सदस्यों ने एक-दूसरे पर संविधान का उल्लंघन करने वाले तानाशाही शासन का समर्थन करने का आरोप लगाया. सीनेट में विपक्ष के नेता व पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के नेता सीनेटर शहनाद वसीम ने फातिहा पढ़ने का प्रस्ताव रखा जिसका उनकी पार्टी के अन्य सदस्यों ने समर्थन किया. यह भी पढ़ें : Pervez Musharraf Dies: पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का दुबई में निधन, पार्थिव शरीर पाकिस्तान लाए जाने के बाद आज कराची में दफनाया जाएगा
हालांकि जब दक्षिणपंथी जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद तुर्किये में आए भूकंप में मारे गए लोगों के लिए संयुक्त रूप से फातिहा पढ़ाने जा रहे थे तो उनसे मुशर्रफ के लिए भी फातिहा पढ़ने को कहा गया, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि वह सिर्फ भूकंप में मारे गए लोगों के लिए फातिहा पढ़ाएंगे. उनके मना करने के बाद सांसदों में आपस में काफी कहासुनी हुई.