देश के उपराष्ट्रपति रोनी ब्रंसविज्क ने बुधवार को फेसबुक पर लिखा कि बाउटर्स के ‘‘जीवन का हमारे देश पर स्थायी प्रभाव पड़ा और उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जाएगा।’’
बाउटर्स के निधन के कारण का तत्काल पता नहीं चल सका है।
उन्हें उनके लोकलुभावन सामाजिक कार्यक्रमों के लिए समर्थकों से सराहना मिली। अपने विरोधियों के लिए वह एक क्रूर तानाशाह थे। उन्हें मादक पदार्थों की तस्करी और न्यायेतर हत्याओं का दोषी ठहराया गया था।
बॉउटर्स को दिसंबर 1982 में तत्कालीन सैन्य सरकार के 15 विरोधियों की हत्या के मामले में दिसंबर 2023 में 20 साल कैद की सजा सुनाई गई थी, जिससे 16 साल की ऐतिहासिक कानूनी प्रक्रिया समाप्त हो गई। इसके बाद वह गायब हो गए और सजा सुनाए जाने के बावजूद कभी जेल में नहीं रहे।
वर्ष 2015 में बॉउटर्स की जीवनी लिखने वाले डच इतिहासकार पेपिजन रीसर ने कहा, ‘‘ऐसा कोई नहीं है जिसने सूरीनाम की आजादी के बाद से उसके इतिहास को देसी बॉउटर्स की तरह आकार दिया हो।’’
एपी
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