विदेश की खबरें | ईरान में चौथे सप्ताह भी प्रदर्शन जारी, दो लोगों की मौत
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

शनिवार को प्रदर्शन का चौथा सप्ताह शुरू हुआ। पुलिस हिरासत में 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में हिजाब विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं। पुलिस ने अमीनी को कथित रूप से देश के कड़े इस्लामी ड्रेस कोड के उल्लंघन के आरोप में हिरासत में लिया था।

प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सरकार विरोधी नारे लगाए और अनिवार्य धार्मिक ड्रेस कोड का विरोध करते हुए अपने हिजाब उतारकर फेंक दिए।

कुछ इलाकों में हड़ताल के आह्वान के कारण तथा नुकसान से बचने के लिए व्यापारियों ने दुकानें बंद रखीं।

शनिवार को ईरान के सरकारी टीवी को शाम के समाचार प्रसारण के दौरान 15 सेकंड तक हैक कर लिया गया। इस दौरान देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खमेनी की फुटेज प्रसारित की गयी।

हैकरों ने आग की लपटों से घिरी खमेनी की तस्वीर प्रसारित की। इसके कैप्शन में लिखा था, ‘‘आपके पंजों से हमारे युवाओं का खून टपक रहा है।’’

अमीनी की मौत के बाद से ही देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गयी है, जिसमें दर्जनों लोगों के मारे जाने और सैकड़ों लोगों के गिरफ्तार होने का अनुमान है।

मानवाधिकार निगरानी संगठनों ने बताया कि कुर्द बहुल उत्तरी क्षेत्र के सनांदज शहर में एक कार सवार व्यक्ति को शनिवार को एक प्रमुख मार्ग पर गोली मार दी गई।

फ्रांस स्थित ‘कुर्दिस्तान ह्यूमैन राइट्स नेटवर्क एंड द हेंगाव ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमैन राइट्स’ ने बताया कि इस व्यक्ति को तब गोली मारी गयी जब उसने सड़क पर तैनात सुरक्षाबलों के सामने हॉर्न बजाया।

उल्लेखनीय है कि हॉर्न बजाना सविनय अवज्ञा का एक तरीका बन गया है।

अर्ध-सरकारी फार्स समाचार एजेंसी ने बताया कि कुर्दिस्तान के पुलिस प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाने की खबरों का खंडन किया है।

मानवाधिकार निगरानी संगठनों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने शहर में भीड़ को तितर-बितर करने के लिए गोलियां चलायीं जिसमें एक अन्य प्रदर्शनकारी की मौत हो गयी और 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए।

राजधानी तेहरान में भी शनिवार को प्रदर्शन हुए। ईरान के प्रमुख शिक्षा केंद्र शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के समीप भी प्रदर्शन हुए, जिसके बाद प्राधिकारियों ने अगले आदेश तक परिसर को बंद कर दिया है।

सोशल मीडिया पर प्रसारित तस्वीरों के अनुसार, उत्तर-पूर्वी शहर मशाद में भी प्रदर्शन हुए।

राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने तेहरान में अल-जहरा विश्वविद्यालय की छात्राओं से मुलाकात में एक बार फिर आरोप लगाया कि प्रदर्शनों को भड़काने में विदेशी शत्रुओं का हाथ है।

इस बीच, नीदरलैंड के द हेग में हजारों लोगों ने ईरान में प्रदर्शनकारियों के समर्थन में नारे लगाए।

एपी

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