शर्मनाक: लॉकडाउन के दौरान बच्चों से जुड़ी पोर्न सामग्री की मांग बढ़ी, अध्ययन में हुआ खुलासा
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

बेंगलुरु: इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) ने सोमवार को कहा कि लॉकडाउन के दौरान बच्चों से जुड़ी पोर्न सामग्री (जिसे बाल यौन उत्पीड़न सामग्री भी कहा जाता है) की मांग बढ़ी है. आईसीपीएफ की रिपोर्ट के मुताबिक बंदी प्रभावी होने के बाद से, ऑनलाइन आंकड़ों की निगरानी करने वाली वेबसाइट दिखाती है कि‘चाइल्ड पोर्न’, ‘सेक्सी चाइल्ड’ और ‘टीन सेक्स वीडियोज’ जैसी खोजों की मांग में वृद्धि हुई.

आईसीपीएफ ने एक बयान में कहा कि दुनिया में अश्लील सामग्री (पोर्नोग्राफी) की सबसे बड़ी वेबसाइट पोर्नहब के डेटा दिखाते हैं कि कोरोना वायरस के प्रकोप से पहले की तुलना में 24 मार्च से 26 मार्च के बीच भारत से आने वाले ट्रैफिक (किसी वेबसाइट पर आगंतुकों की संख्या) में 95 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पोर्नहब के लिए XXX फिल्म बना चुकी बेला थोर्न ने बेड पर अपनी गर्ल गैंग के साथ शेयर की हॉट फोटो, अकेले में देखें

संस्था ने आगाह किया कि यह दिखाता है कि बच्चों के प्रति यौन आकर्षण रखने वाले, बच्चों से दुष्कर्म करने वाले और बाल पोर्नोग्राफी की लत रखने वाले लाखों लोग इन दिनों ऑनलाइन सक्रिय हो गए हैं जो इंटरनेट को बच्चों के लिए बेहद असुरक्षित बनाता है. संस्था ने कहा कि अगर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो बच्चों के खिलाफ यौन अपराध बहुत हद तक बढ़ सकते हैं.

आईसीपीएफ ने ‘भारत में बाल यौन उत्पीड़न सामग्री’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है. यह नयी दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, भुवनेश्वर और इंदौर जैसे भारत के 100 शहरों में चाइल्ड पोर्नोग्राफी की मांग पर किया गया शोध है.

बयान में कहा गया कि दिसंबर 2019 के दौरान सार्वजनिक वेबसाइट पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी की कुल मांग 100 शहरों में हर महीने औसतन 50 लाख थी जो अब बढ़ गई है.

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