देश की खबरें | दिल्ली दंगे : ‘‘आरोपियों ने मुस्लिमों से बदला लेने के लिए दुष्प्रचार को नहीं समझा’’
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 21 जुलाई उत्तरपूर्वी दिल्ली में दंगों के दौरान एक स्थानीय युवक की हत्या के लिए गहरा षड्यंत्र रचा गया और आरोपी ने ‘‘दुष्प्रचार के ‘‘बेबुनियाद मूर्खता’’ को समझने में विफल रहा और अपने समुदाय के ‘‘रक्षक’’ के तौर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया। यह टिप्पणी दिल्ली की एक अदालत ने की।

अदालत ने आमिर खान की हत्या के सिलसिले में 11 लोगों के खिलाफ दायर आरोपपत्र का संज्ञान लेते हुए ये टिप्पणियां कीं। खान का शव गोकुलपुरी इलाके में एक नाले के पास पाया गया था।

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मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने कहा कि इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि प्रथम दृष्ट्या अपराध का मामला बनता है जैसा कि आरोप लगाया गया है।

दिल्ली में इस वर्ष फरवरी में संशोधित नागरिकता कानून का समर्थन करने वाले और इसका विरोध करने वालों के बीच संघर्ष के बाद यह घटना हुई।

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अदालत ने 20 जुलाई के आदेश में कहा, ‘‘आरोपी लोकेश कुमार सोलंबी, पंकज शर्मा, सुमित चौधरी, अंकित चौधरी, प्रिंस, ऋषभ चौधरी, जतिन शर्मा, विवेक पांचाल और हिमांशु ठाकुर ने भादंसं की धारा 302 (हत्या), 144 (अवैध रूप से इकट्ठा होना), 147 और 148 (दंगा), 149 (अवैध रूप से एकत्रित होना), 201 (साक्ष्य मिटाना), 395 (डकैती), 396 (डकैती और हत्या), बदमाशी, आपराधिक षड्यंत्र और साझा मंशा के तहत अपराध किया है।’’

अपराध के लिए अधिकतम मौत की सजा मिल सकती है।

अदालत ने कहा कि व्हाट्सएप समूह ‘कट्टर हिंदू एकता’ के सदस्यों ने अपनी निजता खो दी और भीड़ की मानसिकता के हिसाब से काम करने लगे और नारों ने उनके दिमाग को ‘‘कुंद कर दिया।’’

इसने कहा, ‘‘समूह के सदस्यों ने अपनी निजता खो दी और भीड़ के साथ काम करना शुरू कर दिया। ‘जय श्री राम’और ‘हर हर महादेव’ पवित्र नारे हैं और जीत के साथ इन्हें जोड़कर देखा जाता है, जिसने उनके दिमाग को कुंद कर दिया और उनकी रचनात्मकता को पंगु बना दिया।’’

अदालत ने कहा कि भीड़ दंगाई बन गई और आमिर को जघन्य तरीके से मौत के घाट उतार दिया और साक्ष्य छिपाने के लिए उसके शव को नाले में फेंक दिया।

आरोपपत्र में बताया गया कि जांच के दौरान पता चला कि यह समूह 25 फरवरी को बनाया गया ताकि मुस्लिम समुदाय से कथित तौर पर ‘‘बदला’’ लिया जा सके।

नीरज

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