देश की खबरें | दिल्ली में पिछले 20 वर्षों में एक दिन में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई, रविवार के लिए ‘येलो’ अलर्ट जारी

नयी दिल्ली, आठ जुलाई दिल्ली में शनिवार को हुई मानसून की पहली भारी बारिश ने 20 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। भारी बारिश के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई इलाकों में जलभराव, पेड़ उखड़ने, वाहनों के खराब होने और यातायात जाम की समस्या उत्पन्न हुई। मौसम विभाग ने यह जानकारी दी।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी के अनुसार दिल्ली के प्राथमिक मौसम केंद्र सफदरजंग वेधशाला ने सुबह 8.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक 126.1 मिलीमीटर (मिमी) बारिश दर्ज की। उन्होंने बताया कि बारिश का यह आंकड़ा 10 जुलाई 2003 के बाद सर्वाधिक है। तब 24 घंटों के दौरान 133.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी।

शहर में एक दिन में सबसे अधिक 266.2 मिलीमीटर बारिश 21 जुलाई, 1958 को हुई थी।

आईएमडी ने रविवार के लिए 'येलो अलर्ट' जारी किया गया है।

मौसम विभाग देश में मौसम संबंधी अलर्ट जारी करने के लिए चार रंगों का उपयोग करता है… ग्रीन (किसी कार्रवाई की जरूरत नहीं), येलो (नजर रखें और निगरानी करते रहें), ऑरेंज (तैयार रहें) और रेड (कार्रवाई/सहायता की जरूरत)।

विभाग ने कहा कि दिल्ली में अधिकतम तापमान 28.7 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मौसम के औसत तापमान से आठ डिग्री सेल्सियस कम है। अधिकतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस रहा, जो मौसम के औसत तापमान से तीन डिग्री कम है।

सापेक्षिक आर्द्रता 96 प्रतिशत से 100 प्रतिशत के बीच रही। मौसम कार्यालय ने रविवार को मुख्य तौर पर बादल छाए रहने और मध्यम से भारी स्तर की बारिश होने का अनुमान जताया है। अधिकतम तापमान 30 डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान 24 डिग्री के आसपास रहने का अनुमान है।

पुलिस ने बताया कि शनिवार सुबह भारी बारिश के कारण तिब्बिया कॉलेज सोसाइटी के एक फ्लैट की छत ढह गई, जिसके मलबे में दबकर 58 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई।

दिल्ली में लगातार मूसलाधार बारिश के कारण उफनाए नालों और जलमग्न सड़कों के कारण वाहन चालकों को भारी यातायात जाम का सामना करना पड़ा। जलभराव होने के कारण मिंटो ब्रिज को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है।

शनिवार सुबह से बारिश जारी रहने के कारण मध्य दिल्ली के कनॉट प्लेस में कई दुकानों में पानी भर गया, जबकि कई अन्य बाजारों में जलभराव के कारण व्यापारियों और लोगों को समस्या हुई। जलभराव और बारिश के कारण बाजारों में ग्राहक भी कम ही नजर आये।

जलजमाव के कारण वाहन चालकों को सड़कों, फ्लाईओवर जबकि पैदल यात्रियों को फुटपाथ पर चलने में कठिनाई हुई।

बारिश के कारण दिल्ली में जनजीवन अस्तव्यस्त होने पर कांग्रेस की दिल्ली इकाई ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) ने राष्ट्रीय राजधानी में जलभराव की समस्या दूर करने का वादा किया था, लेकिन मानसून की भारी बारिश ने शनिवार को सही तस्वीर सामने ला दी।

प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अनिल चौधरी ने दिल्ली की ‘आप’ सरकार और एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘शहर में जलभराव की समस्या दूर करने के लिए सभी तैयारियां किये जाने संबंधी दिल्ली की लोक निर्माण विभाग मंत्री आतिशी और एमसीडी की महापौर शैली ओबेरॉय द्वारा किये गये वादे नाकाम साबित हो गये हैं।’’

यह मानसून के मौसम की पहली भारी बारिश थी। शनिवार को भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया गया। आईएमडी ने रविवार के लिए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है।

यातायात विभाग को जलभराव से संबंधित 56 और गिरे हुए पेड़ों के संबंध में छह कॉल प्राप्त हुईं।

जलभराव होने के कारण मिंटो ब्रिज को वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। तिलक ब्रिज अंडरपास से भी भारी जलभराव की सूचना मिली है।

यातायात पुलिस के मुताबिक, पांडव नगर अंडरपास, पुराना किला रोड, सरिता विहार चौक, मथुरा रोड पर प्रगति मैदान के गेट नंबर 6 और 7 के बीच कैरिजवे, निजामुद्दीन खत्ते के पास, मयूर विहार फेज -2 में जलभराव की सूचना मिली।

इसके मुताबिक, द्वारका लिंक रोड, रोहतक रोड, विकास मार्ग, एम्स फ्लाईओवर के नीचे, मूलचंद फ्लाईओवर के नीचे, एमबी रोड, मदर टेरेसा क्रिसेंट-सरदार पटेल मार्ग, तिलक ब्रिज के नीचे और नजफगढ़ समेत कई इलाकों से जलभराव की शिकायतें मिलीं।

पेड़ गिरने से संबंधित कॉल जंतर मंतर रोड, चंदगी राम अखाड़ा, अमृता शेरगिल मार्ग, डीडीयू मार्ग, धीरपुर मेन रोड और मदर टेरेसा क्रिसेंट से प्राप्त हुईं।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले दो इलाकों में भी पेड़ गिरने की घटनाएं सामने आईं।

एमसीडी अधिकारियों के मुताबिक, कालकाजी में हरिजन कॉलोनी, जंगपुरा एक्सटेंशन, पहाड़गंज में नबी करीम और शाहदरा के गौतम पुरी इलाके में जलभराव की सूचना मिली है।

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) ने जलभराव और पेड़ गिरने के 24 मामले दर्ज किए।

एनडीएमसी अधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, लुटियंस दिल्ली में पांच पेड़ उखड़ गए और पेड़ों की शाखाओं के टूटने की 11 घटनाएं दर्ज की गईं।

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