नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर आरजी कर बलात्कार-हत्या मामले के खिलाफ देशभर में उठे आक्रोश के बाद महिलाओं के सशक्तिकरण सहित कई विषयों को दिल्ली के 'मिनी कोलकाता' चित्तरंजन पार्क में बुधवार से शुरू हो रहे दुर्गा पूजा समारोह में प्रमुखता दी गई है।
पर्यावरण के अनुकूल संदेशों और ग्रामीण बंगाल के रंगों से लेकर राजस्थान के भव्य किलों तक इस क्षेत्र का बंगाली समुदाय स्त्री शक्ति की प्रतीक 'मां दुर्गा' के वार्षिक उत्सव को यादगार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
चित्तरंजन पार्क (सीआर पार्क) काली मंदिर समिति के सचिव राजीव नाग ने बताया कि काली मंदिर में महिलाओं के अधिकारों के प्रतीक के रूप में गहरे लाल और सफेद रंगों का इस्तेमाल किया गया है तथा पंडाल को 80 प्रतिशत महिलाओं द्वारा सजाया गया है।
आयोजकों ने महोत्सव के दौरान अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के कलाकारों को भी आमंत्रित किया है जिसका उद्देश्य स्थानीय प्रतिभाओं को बढ़ावा देना है जिन्हें अक्सर अपने कौशल का प्रदर्शन करने का अवसर नहीं मिल पाता है।
नाग ने कहा कि इन कार्यक्रमों में महिलाओं की कहानियों को बताया जाएगा और उनके योगदान का सम्मान किया जाएगा।
चित्तरंजन पार्क में मां शारदा समुदाय ने वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाई है।
पूजा समिति के उपाध्यक्ष मुकुल भारद्वाज ने बताया कि प्रतिकृति के निर्माण में एक महीने से अधिक का समय लगा।
उन्होंने बताया, "सजावट में शामिल सभी कलाकार और मजदूर बंगाल तथा बिहार के विभिन्न हिस्सों से आए थे।"
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)