नयी दिल्ली, 10 अगस्त दिल्ली की एक अदालत ने कस्तूरबा नगर में हुए सामूहिक दुष्कर्म के मामले में एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी है।
कस्तूरबा नगर में जनवरी में 20 वर्षीय एक महिला का कथित तौर पर अपहरण कर सामूहिक बलात्कार किया गया।
अदालत ने इस अपराध को ‘‘गंभीर और जघन्य’’ करार देते हुए आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया।
पीड़िता का कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया और उसे एक घर ले जाया गया, जहां 26 जनवरी, 2022 को उसके साथ मारपीट, यौन शोषण और छेड़छाड़ की गई।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने अपने हाल के आदेश में कहा, ‘‘मामले की प्रकृति, अपराध की गंभीरता और आरोपी के खिलाफ आरोप और मामले के समग्र तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, मैं आवेदक को जमानत देने के लिए इसे एक उपयुक्त मामला नहीं मानता हूं।’’
न्यायाधीश ने कहा कि यह एक ‘‘बहुत गंभीर मामला’’ है, जिसमें महिला के साथ मारपीट, यौन शोषण और छेड़छाड़ की गई।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘पीड़िता का सिर मुंडवाकर, चेहरे पर कालिख पोतकर तथा चप्पलों और जूतों की माला पहनाकर उसे कस्तूरबा नगर की सड़कों पर घुमाया गया। यह सब उसे दंडित करने के लिए किया गया था। यह अपराध गंभीर और जघन्य है।’’
पीड़िता के बयान के मुताबिक, यौन शोषण के बाद उसका सिर मुंडवा दिया गया, उसका चेहरा काला कर दिया गया और आरोपी ने उसे चप्पलों और जूतों की माला पहनाकर मोहल्ले में घुमाया।’’
पुलिस ने इस घटना की जांच के संबंध में सोशल मीडिया की एक वीडियो क्लिप को सबूत के रूप में जब्त किया था और एक अन्य आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया, जिसमें घटना की एक वीडियो क्लिप थी।
अभियोजन ने अदालत को बताया था कि इस मामले में पांच बच्चों समेत 16 लोगों को पकड़ा गया था।
इससे पूर्व पुलिस ने कहा था कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि महिला और आरोपियों के परिवार से संबंधित एक लड़का दोस्त थे।
पुलिस ने कहा था, ‘‘लड़के ने पिछले साल नवंबर में आत्महत्या कर ली थी और उसके परिवार ने इसके लिए पीड़िता (महिला) को दोषी ठहराया था।’’
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