नयी दिल्ली, 12 मई उच्चतम न्यायालय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करने वाला है, जिसमें उन्होंने मई 2018 में यूट्यूबर ध्रुव राठी द्वारा प्रसारित एक कथित मानहानिकारक वीडियो को रीट्वीट करने के लिए आपराधिक मानहानि मामले में उन्हें जारी समन को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ मामले पर सुनवाई कर सकती है जिसमें केजरीवाल ने स्वीकार किया है कि कथित मानहानिकारक वीडियो को रीट्वीट करके उन्होंने "गलती की"।
शीर्ष अदालत ने 11 मार्च को केजरीवाल से पूछा था कि क्या वह इस मामले में शिकायतकर्ता को माफीनामा देना चाहते हैं।
केजरीवाल ने 26 फरवरी को शीर्ष अदालत से कहा था कि उन्होंने भाजपा आईटी प्रकोष्ठ से संबंधित, यूट्यूबर राठी द्वारा प्रसारित कथित अपमानजनक वीडियो को रीट्वीट करके गलती की है।
शिकायतकर्ता विकास सांकृत्यायन की ओर से पेश वकील ने शीर्ष अदालत को बताया कि केजरीवाल सोशल मीडिया मंच 'एक्स' या इंस्टाग्राम पर माफी मांग सकते हैं।
शीर्ष अदालत ने 26 फरवरी को उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किए बिना शिकायतकर्ता से पूछा था कि याचिकाकर्ता द्वारा यह स्वीकार करने के बाद कि यह एक गलती थी, क्या वह इस मामले को बंद करना चाहते हैं।
केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने कहा था, ‘‘मैं इतना कह सकता हूं कि मैंने रिट्वीट करके गलती की।’’
शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से अगले आदेश तक केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई नहीं करने को कहा था।
उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को तलब करने के निचली अदालत के 2019 के आदेश को रद्द करने से इनकार करते हुए कहा था कि जब कोई सार्वजनिक हस्ती मानहानिकारक पोस्ट ट्वीट करती है, तो इसका प्रभाव कहीं अधिक होता है।
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