नयी दिल्ली, 27 जुलाई मणिपुर हिंसा मुद्दे पर चर्चा एवं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान की मांग को लेकर विपक्षी दलों के भारी हंगामे और शोरगुल के बाद बृहस्पतिवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन के नेता मल्लिकार्जुन खरगे को अपनी बात कहने का मौका दिया। इसी दौरान सदन में सत्तापक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वे नारे लगा रहे थे- ‘‘काला कपड़ा-काला काम, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान।’’
हंगामे के बीच ही खरगे ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं देखा कि सत्तारूढ़ दल के सदस्य नेता प्रतिपक्ष को अपनी बात रखने से रोक रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार के इशारे पर हो रहा है।
इसी दौरान विपक्षी सदस्यों ने भी नारेबाजी शुरू कर दी। सभापति ने दोनों पक्षों से शांत होने की अपील की लेकिन इसका कोई असर नहीं होते देख उन्होंने दोपहर बारह बजकर पांच मिनट पर बैठक अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही सभापति धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद आसन की अनुमति से विदेश मंत्री एस जयशंकर विदेश नीति में नवीनतम घटनाकमों के संबंध में एक बयान देने लगे।
जयशंकर ने अभी बोलना शुरु ही किया था कि विपक्षी सदस्य मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान और इस पर सदन में चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा करने लगे। जयशंकर ने भारी हंगामे के बीच ही अपना बयान पूरा किया।
इस दौरान विपक्षी सदस्य ‘प्रधानमंत्री सदन में आओ, मणिपुर पर चुप्पी तोड़ो, कुछ तो बोलो...’ जैसे नारे लगा रहे थे।
जयशंकर का बयान समाप्त होने के बाद सभापति ने सदस्यों से इस पर स्पष्टीकरण मांगने को कहा लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।
सत्ता पक्ष के सदस्यों ने इस दौरान मोदी-मोदी के नारे लगाए तो विपक्षी सदस्यों ने ‘इंडिया-इंडिया’ के नारे लगाने शुरु कर दिए।
सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि इतने गंभीर विषय पर विपक्षी सदस्य राजनीति कर रहे हैं।
काले कपड़े पहनकर सदन में आने के लिए विपक्षी नेताओं पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि काले कपड़े पहनने वाले लोगों को दुनिया में भारत की बढ़ती ताकत का अंदाजा नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘काले कपड़े पहनकर आने वालों का कल, आज और भविष्य भी काला है।’’
इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने विपक्षी नेताओं के खिलाफ नारेबाजी आरंभ कर दी।
सभापति ने बार बार सदन के सुचारू संचालन के लिए दोनों पक्षों से आग्रह किया। लेकिन अपनी अपील का कोई असर नहीं होता देख उन्होंने 11 बजकर 45 मिनट पर सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)