मुंबई, 19 अगस्त : महाराष्ट्र में दो साल के बाद शुक्रवार को पूरी धूमधाम के साथ दही हांडी उत्सव मनाया जा रहा है. कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो वर्ष से इसका आयोजन नहीं हो पाया था. शुक्रवार को मटकी फोड़ प्रतियोगिता के दौरान 12 लोगों के घायल हो गए. दही हांडी जन्माष्टमी उत्सव का हिस्सा है. इस दौरान दही से भरी मटकी रस्सियों के सहारे बीच में लटकी होती है, जिसे मानव पिरामिड बनाकर तोड़ा जाता है. यह त्योहार मुंबई महानगरीय क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर मनाया जाता है.
मुंबई में निगम अधिकारियों ने बताया कि उत्सव के दौरान दोपहर तक 12 लोगों के घायल होने की सूचना है, जिनमें से पांच को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि सात अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत स्थिर है. घायलों में से पांच का इलाज नायर अस्पताल में, चार का पोद्दार अस्पताल में, एक-एक का केईएम अस्पताल, ट्रॉमा केयर अस्पताल और कांदिवली के पश्चिमी उपनगर में स्थित डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में किया गया. गोविन्दाओं के समूहों को शहरों में घूमते और दही हांडी तोड़ने व पुरस्कार जीतने के लिए आपस में प्रतिस्पर्धा करते देखा गया. महाराष्ट्र सरकार ने पिछले महीने घोषणा की थी कि इस साल दही हांडी और गणेश चतुर्थी सहित धार्मिक त्योहारों को मनाने पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा. यह भी पढ़ें : संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में किसानों का 75 घंटे का धरना शुक्रवार को दूसरे दिन भी जारी
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बृहस्पतिवार को विधानसभा में घोषणा की थी कि उनकी सरकार ने लोकप्रिय उत्सव दही हांडी को साहसिक खेल का दर्जा देने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि प्रतिभागियों या उनके परिवारों को मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी खिलाड़ी के हताहत होने की स्थिति में मुआवजा दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि यदि मानव पिरामिड बनाने के दौरान किसी प्रतिभागी की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को 10 लाख रूपये की अनुग्रह राशि मिलेगी. उन्होंने कहा कि किसी खिलाड़ी के गंभीर रूप से घायल हो जाने पर सात लाख रूपये तथा मामूली रूप से घायल होने पर पांच लाख रूपये दिये जाएंगे.