नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कहा कि चक्रवात ‘बिपारजॉय’ मानसून के प्रवाह से पूरी तरह अलग हो चुका है और वह वर्षा करने वाली इस प्रणाली या उसके प्रदर्शन पर कोई बुरा असर नहीं डालेगा. आईएमडी प्रमुख मृत्युंजय महापात्रा ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चक्रवात ने अरब सागर के ऊपर भमध्यरेखा के पार प्रवाह बढ़ाकर मानसून को प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों में आगे बढ़ने में मदद पहुंचायी है.
उन्होंने कहा, ‘‘ अब यह मानूसन प्रवाह से बिल्कुल अलग हो गया है. हमें मानसून के आगे बढ़ने या उसके प्रदर्शन पर चक्रवात द्वारा बड़े पैमाने पर असर डालने की उम्मीद नहीं है. वैज्ञानिकों ने पहले कहा था कि चक्रवात ने नमी एवं संवहन खींच लिया है तथा मानसून की तीव्रता पर असर डाला है एवं केरल में मानसूनी वर्षा में देरी हुई है. यह भी पढ़े: Biparjoy Cyclone: बिपरजॉय तूफ़ान का असर, पश्चिम रेलवे की 69 ट्रेनें रद्द, 32 को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया
मौसम वैज्ञानिकों ने कहा था कि प्रायद्वीप के दक्षिणी हिस्सों से मानसून चक्रवात के बीत जाने के बाद ही आगे बढ़ेगा. मानसून अपने सामान्य निर्धारित समय से करीब एक सप्ताह बाद आठ जून को भारत में केरल पहुंचा था. अनुसंधान से पता चलता है कि केरल पर मानसून के फैलने में देरी के कारण जरूरी नहीं है कि उत्तर पश्चिम भारत में भी मानसून में देरी हो.
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