अटलांटा (अमेरिका), 14 अक्टूबर (द कन्वरसेशन) अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने गर्भवती महिलाओं, गर्भधारण की योजना बना रहीं महिलाओं या स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए 29 सितंबर, 2021 को एक स्वास्थ्य परामर्श जारी किया था।
सीडीसी के परामर्श में कोविड-19 के कारण होने वाली गंभीर बीमारी और मौत की रोकथाम के लिए टीकाकरण की महत्ता दोहराई गई है। सीडीसी ने गर्भवती महिलाओं में टीकाकरण की दर के बीच बड़े अंतर को भी रेखांकित किया। टीकाकरण कराने वाली गर्भवती महिलाओं की दर आम जन में टीकाकरण की दर से आधी है।
सीडीसी के परामर्श में गर्भावस्था में टीकाकरण के संदर्भ में बढ़ते नस्ली अंतर को भी रेखांकित किया गया है। अश्वेत गर्भवती महिलाओं में टीकाकरण की दर 16 प्रतिशत से भी कम है।
वैश्विक महामारी की शुरुआत से कोविड-19 के खिलाफ रोग प्रतिरोधी क्षमता की प्रतिक्रिया का अध्ययन करने वाले एक प्रतिरक्षा वैज्ञानिक होने के नाते मुझे पता है कि इस मामले में एजेंसी की तात्कालिकता का कारण स्पष्ट है।
गर्भावस्था के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर जच्चा-बच्चा दोनों पर कोविड-19 के कारण गंभीर संक्रमण और मौत का खतरा होता है। वैश्विक महामारी के दौरान गर्भावस्था को लेकर विस्तृत अनुसंधान में पाया गया है कि कोरोना वायरस से संक्रमण की चपेट में नहीं आई गर्भवती महिलाओं की तुलना में संक्रमित होने वाली गर्भवती महिलाओं के आईसीयू में भर्ती होने की आशंका पांच गुणा और उनकी मौत होने की आशंका 22 गुणा अधिक होती है। इसी अध्ययन में यह भी पाया गया है कि गर्भावस्था के दौरान संक्रमित हुए महिलाओं के नवजात शिशुओं को आईसीयू में भर्ती करने की दो गुणा अधिक आवश्यकता पड़ती है। संक्रमित मांओं के शिशुओं की जन्म के तुरंत बाद मौत की आशंका भी अधिक है।
मैं दो बच्चों का पिता हूं और मेरे तीसरे बच्चे का जन्म दिसंबर में होने की उम्मीद है। ऐसे में, मैं गर्भावस्था के दौरान स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेते समय होने वाले तनाव को भली प्रकार समझता हूं। मेरी पत्नी स्वास्थ्य कर्मी है। उसने एफडीए/सीडीसी की मंजूरी के बाद हाल में फाइजर की बूस्टर खुराक ली। उच्च चिकित्सकीय योग्यता और प्रतिरक्षा वैज्ञानिक के तौर पर मेरी अपनी विशेषज्ञता के बावजूद यदि मैं यह कहूं कि यह निर्णय लेना आसान था, तो झूठ होगा।
गर्भावस्था का प्रतिरक्षा विज्ञान जटिल है
गर्भावस्था में मां की रोग प्रतिरोधी प्रणाली का सबसे मूलभूत काम एक बाहरी जीव का स्वागत करना है, जो शरीर के कई संसाधनों का उपयोग करता है। इसके बाद इसका काम इस भ्रूण की महीनों तक रक्षा करना है। यह काम सहज नहीं होता। बढ़ते भ्रूण को परजीवी आक्रमणकारी के रूप में पहचानने और अस्वीकार करने से रोकने के लिए मां की प्रतिरक्षा प्रणाली को बहुत प्रयास करने पड़ते हैं, जो गर्भावस्था में सुरक्षा के लिए संक्रमण के प्रति अपनी प्रतिक्रिया में बदलाव करती है, लेकिन ये बदलाव रोग प्रतिरोधी प्रतिक्रिया को पूरी तरह बंद नहीं करते। मातृ प्रतिरक्षा प्रणाली बढ़ते भ्रूण से जुड़े बाहरी ऊतकों और कोशिकाओं पर प्रतिक्रिया नहीं करने का चुनिंदा रूप से विकल्प चुनती है।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार, गंभीर संक्रामक बीमारियां मां और भ्रूण दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं। गर्भावस्था को जटिल करने में सक्षम संक्रामक बीमारियों की सूची लंबी है और कोविड-19 का इस सूची में शामिल होना हैरानी की बात नहीं है।
टीकाकरण मां और शिशु दोनों की रक्षा करता है
गर्भावस्था के दौरान प्रतिरक्षा प्रणाली जो संतुलन स्थापित करने का काम करती है, उसके कारण टीकाकरण बहुत महत्वपूर्ण है। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि टीकाकरण रोग प्रतिरोधी प्रणाली को सक्रिय करता है। टीकाकरण के कारण रोग प्रतिरोधी प्रणाली की मामूली प्रतिक्रिया का खतरा उस खतरे से बहुत कम है, जो कोविड-19 से संक्रमित होने पर गर्भवती मां को होता है।
जब आपके शरीर में टीके के रूप में सार्स-सीओवी-2 का हानिरहित प्रारूप प्रवेश करता है, तो प्रतिरोधी प्रणाली कोविड-19 के वास्तविक संक्रमण के बिना एक सुरक्षित और नियंत्रित वातावरण में वायरस को पहचानने के लिए प्रशिक्षित होती है। इस तरह, यदि आपके शरीर में वास्तविक वायरस प्रवेश करता है, तो आपकी प्रतिरोधी प्रणाली अधिक तैयार होती है और इससे बचाव करने में सक्षम होती है।
हालांकि टीका घटते एंटीबॉडी या वायरस के डेल्टा स्वरूप के कारण शत-प्रतिशत प्रभावी नहीं है, अध्ययनों ने दर्शाया है कि आंशिक सुरक्षा और लक्षणों में कमी मां और बच्चे दोनों में जोखिम को कम करने के लिए पर्याप्त है।
कोविड-19 टीके बच्चे की भी रक्षा करते हैं
एक अन्य अध्ययन में पाया गया है कि टीकाकरण से मां की रक्षा तो होती है, साथ ही इसके कारण पैदा हुए एंटीबॉडी गर्भनाल रक्त के माध्यम से बच्चे में भी प्रभावी रूप से प्रवेश करते हैं। यह अध्ययन अहम है क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमणों से गर्भाशय में भ्रूण के सीधे संक्रमित होने का खतरा नहीं दिखा है, लेकिन प्रसव के दौरान बच्चा मां से संक्रमित हो सकता है। ऐसे में कोविड-19 का टीका लगवाना जच्चा-बच्चा दोनों के लिए सुरक्षित है।
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