नयी दिल्ली, तीन जून: संयुक्त राष्ट्र बाल आपात कोष (यूनिसेफ) ने कहा है कि कोरोना वायरस से निपटने की वैश्विक साझेदारी के तहत भारत में नौ ऑक्सीजन संयंत्र लगाए जा रहे हैं व 4,500 ऑक्सीजन सांद्रक तथा 200 आरटी-पीसीआर जांच मशीनें दी जा चुकी हैं या वितरित की जा रही हैं. यूनीसेफ ने एक बयान में कहा कि वह गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा में अस्पतालों में नौ ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने में मदद कर रहा है. अरुणाचल प्रदेश, गुजरात, नगालैंड, महाराष्ट्र और त्रिपुरा के अस्पतालों में कुल 26 ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किये जाने हैं.
संयुक्त राष्ट्र की शाखा ने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, राजस्थान, गुजरात, पश्चिम बंगाल और अन्य राज्यों में, कोविड-19 टूल्स एक्सेलेरेटर (एसीटी-ए) तक पहुंच के तहत खरीदे गए 4,650 जीवन रक्षक ऑक्सीजन सांद्रकों की भी आपूर्ति कर रहा है. यूनिसेफ ने कहा कि पूर्व में खरीदे गए 3,000 अन्य ऑक्सीजन सांद्रकों का उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में उपयोग किया जा रहा है. इसके अलावा, 512 हाई फ्लो नेज़ल कैनुला 10 राज्यों में पहुंचाए गए हैं.
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यूनीसेफ में भारत की प्रतिनिधि डॉक्टर यास्मीन अली हक ने कहा, ''कोविड-19 मामलों में वृद्धि ने भारत में स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं पर भारी दबाव डाला है. इस संकट के दौरान ऑक्सीजन की सख्त जरूरत है. कोविड-19 से गंभीर रूप से पीड़ित लोगों को समय पर ऑक्सीजन सपोर्ट मिलने से उनकी जान बच सकती है.''
यूनिसेफ ने कहा कि वह अगले कुछ महीनों में 14 अतिरिक्त ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र खरीदेगा.
मेडिकल ऑक्सीजन का उपयोग कोविड-19 के गंभीर रोगियों, बीमार नवजात शिशुओं और निमोनिया से पीड़ित बच्चों के इलाज के साथ-साथ जन्म संबंधी जटिलताओं का सामना करने वाली माताओं की सहायता करने और सर्जरी के दौरान रोगियों के लिए किया जाएगा.
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