लंदन, 1 दिसंबर : कोरोना वायरस से संक्रमित गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था और बच्चे के जन्म के समय अधिक जटिलताएं होने की संभावना है. एक अध्ययन में यह बताया गया है. ‘पीएलओएस मेडिसिन’ पत्रिका में मंगलवार को प्रकाशित एक अध्ययन में वैश्विक महामारी के पहले छह महीनों के दौरान फ्रांस में प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हुई महिलाओं के स्वास्थ्य पर गौर किया गया. अध्ययन में यी भी सुझाव दिया गया कि टीकाकरण महिलाओं और बच्चों के लिए फायदेमंद हो सकता है. फ्रांस में ‘यूनिवर्सिटी डी पेरिस’ के शोधार्थियों ने जनवरी और जून 2020 के बीच फ्रांस में 22 सप्ताह के गर्भ के बाद अस्पताल में भर्ती हुई महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया.
उन्होंने कहा कि 15 मार्च तक, कोविड-19 संक्रमित सभी मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इसके बाद मरीज के स्वास्थ्य के आधार पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती की गई 244,465 गर्भवती महिलाओं में से 874 यानी 0.36 प्रतिशत माताएं कोरोना वायरस से संक्रमित पाई गईं. उम्र अधिक होने, मोटापा ग्रस्त, एक से अधिक बच्चे की मां और उच्च रक्तचाप से ग्रसित महिलाओं के संक्रमित होने की अधिक संभावना रहती है. यह भी पढ़ें : झारखंड में हर रोज मिल रहे हैं तीन से चार एचआईवी संक्रमित, दस महीने में 1221 नये मरीजों की पहचान
अध्ययन में पाया गया कि कोरोना वायरस से संक्रमित महिलाओं को आईसीयू (गहन चिकित्सा इकाई) में भर्ती कराए जाने, मौत, उच्च रक्तचाप आदि का अधिक डर है. हालांकि, गर्भपात, जन्म के समय या उससे पूर्व बच्चे की मौत, गर्भकालीन मधुमेह और रक्त के थक्के बनने की दर में वृद्धि नहीं हुई. अध्ययन में कहा गया कि स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों के लिए गर्भवती महिलाओं की देखभाल करने के लिए इन जटिलताओं से अवगत होना जरूरी है.