देश की खबरें | न्यायालय ने छोटे हवाईअड्डों पर ईएमएएस लगाने के लगाने के लिये याचिका पर केन्द्र से मांगा जवाब
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, 16 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने देश में छोटे हवाई अड्डों पर कालीकट जैसी दुर्घटनायें टालने के लिये इंजीनियर्ड मैटेरियल्स अरेस्टर सिस्टम (ईएमएएस) लगाने के लिये दायर याचिका पर बुधवार को केन्द्र और नागरिक उड्डयन महानिदेशालय को नोटिस जारी किये।

याचिका में सात अगस्त को कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर और 22 मई 2010 मंगलोर हवाई अड्डे पर हुयी विमान दुर्घटनाओं का जिक्र किया गया है। हवाई अड्डे पर विमान पट्टी के अंत में विशेष सामग्री से तैयार किये गये अवरोधक को ईएमएएस कहते हैं। यह प्रणाली उपलब्ध होने पर हवाई पट्टी से विमान आगे निकलने की स्थिति में इसकी गति कम हो जाती है।

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प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने सेवानिवृत्त इंजीनियर 85 वर्षीय राजन मेहता की याचिका पर नोटिस जारी किये।

याचिका में 22 मई, 2010 को एयर इंडिया एक्सप्रेस के दुबई से मेंगलोर की उड़ान की क्रैश लैंडिंग की घटना का जिक्र किया गया है जिसमे 158 व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी थी।

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इसी तरह, याचिका में सात अगस्त को दुबई से कोझिकोड की एयर इंडिया एक्सप्रेस की उडान की कालीकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लैंडिग के वक्त हवाई पट्टी से आगे निकलने की घटना का भी जिक्र किया गया है। इस दुर्घटना में दोनों पायलट और 16 यात्रियों की मृत्यु हो गयी थी।

याचिकाकर्ता के वकील शोहित चौधरी ने सुनवाई के दौरान कहा कि मंगलोर, और कालीकट जैसे हवाई अड्डों के लिये ईएमएएस प्रणाली काफी उपयोगी रहेगी और इसे लगाने का निर्देश दिया जाये।

अनूप

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