नयी दिल्ली, 29 सितंबर उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के 13 सरकारी विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति और चयन के लिए एक खोज समिति गठित करने के संबंध में वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों, प्रशासकों, शिक्षाविदों और न्यायविदों सहित प्रतिष्ठित हस्तियों के नाम मांगे हैं।
इस मुद्दे पर राज्य सरकार और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के बीच विवाद के मद्देनजर शीर्ष अदालत ने 15 सितंबर को फैसला किया कि वह कुलपतियों को चुनने के लिए एक खोज समिति का गठन करेगी।
अदालत ने राज्यपाल, राज्य सरकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) से विचार के लिए प्रत्येक विश्वविद्यालय के लिए स्वतंत्र रूप से तीन से पांच नाम सुझाने को कहा था। इसके बाद अदालत उनके द्वारा अनुशंसित लोगों में से कुछ को खोज समिति में नामांकित करेगी।
न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने 27 सितंबर को मामले की सुनवाई करते हुए कहा, ‘‘संबंधित पक्ष विश्वविद्यालयों का विवरण, पढ़ाए जा रहे विषयों, खोज समिति में सदस्यों की नियुक्ति के लिए मौजूदा प्रावधानों और राज्यपाल की मंजूरी के लिए लंबित विधेयक में प्रस्तावित नये प्रावधानों के संबंध में एक सारणीबद्ध चार्ट प्रस्तुत करने पर सहमत हुए हैं।’’
पीठ ने कहा, ‘‘हस्तक्षेपकर्ताओं समेत अन्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील खोज समिति में नामांकन के उद्देश्य से प्रसिद्ध वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों, प्रशासकों, शिक्षाविदों, न्यायविदों या किसी अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों के नाम सुझाने के लिए स्वतंत्र होंगे।’’
पीठ ने पक्षों से बुधवार तक विवरण और नाम जमा करने की प्रक्रिया पूरी करने को कहा और राज्य सरकार की याचिका को छह अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।
शीर्ष अदालत कलकत्ता उच्च न्यायालय के 28 जून के आदेश के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि राज्यपाल द्वारा कुलाधिपति के रूप में राज्य-संचालित 11 विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति के आदेश में कुछ भी अवैध नहीं है।
राज्य के विश्वविद्यालयों के संचालन को लेकर लेकर ममता बनर्जी नीत सरकार और राज्यपाल सी वी आनंद बोस के बीच तीखी खींचतान जारी है। पीठ ने इस तथ्य का संज्ञान लिया कि कुलपतियों की नियुक्ति पर राज्य सरकार का विधेयक राज्यपाल की मंजूरी के लिए लंबित है। पीठ ने कहा था कि कुलपतियों को चुनने के लिए अदालत खुद एक खोज समिति बनाएगी।
अदालत ने राज्यपाल कार्यालय, राज्य सरकार और यूजीसी को 25 सितंबर तक खोज समिति के लिए तीन से पांच नाम देने का निर्देश दिया था।
उच्च न्यायालय का रुख करने वाले याचिकाकर्ता सनत कुमार घोष और पश्चिम बंगाल सरकार ने दावा किया कि राज्य संचालित विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के आदेश अवैध थे, क्योंकि ऐसी नियुक्तियां करने से पहले राज्यपाल बोस द्वारा उच्च शिक्षा विभाग से परामर्श नहीं किया गया था।
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