नयी दिल्ली, चार अक्टूबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने कई आपराधिक मामलों में अभियोजन का सामना कर रहे कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर की याचिका को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसमें जेल अधिकारियों को यह निर्देश देने का अनुरोध किया गया था कि उसे मंडोली जेल से यहां किसी अन्य जेल में स्थानांतरित न किया जाए।
आरोपी ने दलील दी कि वह विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त है और उसे उपचार के लिए सफदरजंग एवं राम मनोहर लोहिया अस्पतालों में ले जाया गया था तथा स्थानांतरण से उसके चिकित्सा उपचार में बाधा उत्पन्न होगी।
उच्च न्यायालय ने माना कि जो उपचार वह करा रहा है, वह उसे अन्य जेल परिसरों में भी आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता है।
न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने कहा, “इसलिए, यह देखते हुए कि याचिकाकर्ता को जो उपचार दिया जा रहा है, वह उसे अन्य जेल परिसरों में आसानी से उपलब्ध कराया जा सकता है, इस अदालत को प्रशासनिक कारणों से आवश्यक होने पर याचिकाकर्ता को अन्य जेलों में स्थानांतरित न करने के निर्देश जारी करने की कोई आवश्यकता नहीं लगती है।”
अदालत ने हालांकि कहा कि यदि चंद्रशेखर को इस जेल से किसी अन्य जेल में स्थानांतरित किया जाता है तो उसे तीन दिन पहले सूचना दी जानी चाहिए।
न्यायालय ने कहा कि चिकित्सा स्थिति रिपोर्ट से स्पष्ट है कि आरोपी को उसकी शारीरिक बीमारियों के कारण सफदरजंग और राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पतालों में ले जाया गया तथा आवश्यकता पड़ने पर उसे उच्चतर केंद्रों में भी ले जाया गया।
अदालत ने कहा कि उनकी शारीरिक बीमारियों के लिए उनका इलाज बाहरी अस्पतालों में चल रहा था। साथ ही यह भी कहा गया कि यह दावा किया गया था कि वह चिंता से पीड़ित थे और उनका इलाज मनोचिकित्सक द्वारा किया जा रहा था तथा उनकी वर्तमान स्थिति स्थिर है।
उच्च न्यायालय ने कहा, “हालांकि, केंद्रीय कारागार, तिहाड़ में भी मनोरोग उपचार के लिए ऐसी ही सुविधा है। इसलिए, जेल प्रशासन में हस्तक्षेप करने वाले ऐसे निर्देश तब तक नहीं दिए जाने चाहिए जब तक कि जेल प्रशासन की ओर से कोई बाध्यकारी कारण या दुर्भावना न दिखाई दे।”
चंद्रशेखर ने अपनी याचिका में कहा कि उसे मंडोली जेल से स्थानांतरित न किया जाए क्योंकि वह 2020 से पित्ताशय की पथरी सहित विभिन्न बीमारियों से पीड़ित हैं और उन्हें इलाज के लिए सफदरजंग और आरएमएल अस्पतालों में ले जाया गया था।
दिल्ली पुलिस ने पहले चंद्रशेखर के खिलाफ रैनबैक्सी के पूर्व प्रवर्तकों शिविंदर सिंह और मलविंदर सिंह की पत्नियों से 200 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके अलावा देश भर में कई मामलों में उसके खिलाफ जांच चल रही है।
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