नयी दिल्ली, 26 जुलाई : दिल्ली उच्च न्यायालय ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ घोषित करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली एक जनहित याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी. देश में वर्ष 1975 में 25 जून को आपातकाल लागू किया गया था.
याचिकाकर्ता ने कहा था कि यह निर्णय न केवल संविधान का उल्लंघन है, बल्कि‘‘अपमानजनक’’ भी है, क्योंकि इसमें ‘‘संविधान’’, जो एक ‘‘जीवंत दस्तावेज’’ है, उसके साथ ‘‘हत्या’’ शब्द का प्रयोग किया गया है. यह भी पढ़ें : BJP ने लोकसभा में कर्नाटक में हो रहे घोटाले का उठाया मुद्दा, टीएमसी ने सुकांत मजूमदार के खिलाफ लगाए नारे
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि केंद्र की अधिसूचना संविधान का उल्लंघन नहीं करती, क्योंकि यह आपातकाल की घोषणा के मुद्दे को चुनौती देने के लिए नहीं, बल्कि सत्ता एवं कानून के दुरुपयोग और उसके बाद हुई ज्यादतियों के खिलाफ जारी की गई है.
पीठ में न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला भी शामिल थे. पीठ ने कहा, ‘‘ ‘हत्या’ शब्द का इस्तेमाल इसी संदर्भ में किया गया है. यह संविधान का अपमान नहीं करता.’’