नयी दिल्ली, दो मार्च दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज किए गए 500 करोड़ रुपये के धनशोधन मामले में अवंता समूह के प्रवर्तक गौतम थापर की जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी।
न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने थापर की जमानत याचिका खारिज कर दी। दिल्ली और मुंबई में थापर से जुड़े परिसरों और कारोबारों के खिलाफ ईडी की छापेमारी के बाद उन्हें तीन अगस्त, 2021 को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया था।
अदालत का विस्तृत आदेश अभी उपलब्ध नहीं कराया गया है।
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने धनशोधन का मामला दर्ज किया था।
इससे पहले, यहां की एक निचली अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में थापर की जमानत याचिका यह कहकर खारिज कर दी थी कि मामले में सार्वजनिक धन का बड़ा नुकसान हुआ है, इसलिए इस मामले की गंभीरता से जांच किए जाने की आवश्यकता है।
थापर की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा था कि निचली अदालत ने उनके मुवक्किल की जमानत याचिका सिर्फ इस आशंका पर खारिज कर दी थी कि थापर देश छोड़कर जा सकते हैं।
ईडी द्वारा दायर अंतिम रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि आरोपी ने 2017 से 2019 के बीच सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के लिए ठगी, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी की और इससे यस बैंक को 466.51 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा।
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