नयी दिल्ली, 3 जनवरी: दिल्ली उच्च न्यायालय ने धनशोधन मामले में वीवो इंडिया के तीन अधिकारियों की रिहाई के आदेश को चुनौती देने वाली प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए बुधवार को उन्हें (अधिकारियों को) एक सप्ताह का समय दिया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने कहा कि निचली अदालत का आदेश ‘पूरी तरह से अनुचित’ है और मामले पर तत्काल निर्णय की जरूरत है, वहीं आरोपियों के वकील ने अपनी प्रतिक्रिया दाखिल करने के लिए समय मांगा.
न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने आगे की सुनवाई के लिए मामले को 11 जनवरी को सूचीबद्ध करते हुए कहा, ‘‘उन्हें जवाब दाखिल करने की जरूरत होगी. मैं उन्हें इनकार नहीं कर सकती.’’ अदालत ने कहा, “जवाब दाखिल करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है.” एएसजी राजू ने तर्क दिया कि इनमें से एक (चीनी नागरिक) के भागने का खतरा है. इसपर आरोपी के वकील ने कहा कि उन्होंने अपने पासपोर्ट पहले से ही जमा करा दिए हैं.
न्यायमूर्ति शर्मा ने यह भी संकेत दिया कि जब वह लिखित आदेश पारित करेंगी, तो आरोपियों को शुक्रवार और सोमवार को ईडी के सामने पेश होने का निर्देश देंगी. एजेंसी ने कहा है कि 21 दिसंबर को तीनों आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गई और बाद में उन्हें पूछताछ के लिए और उनके फोन के फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए ईडी कार्यालय ले जाया गया. ईडी ने अदालत को बताया कि अगले दिन 22 दिसंबर को उन्हें औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया गया.
ईडी ने पिछले साल जुलाई में वीवो-इंडिया के कार्यालयों और इससे जुड़े लोगों के परिसरों पर छापा मारा था और चीनी नागरिकों और कई भारतीय कंपनियों से जुड़े एक बड़े धनशोधन रैकेट का भंडाफोड़ करने का दावा किया था. ईडी ने आरोप लगाया था कि भारत में करों के भुगतान से बचने के लिए वीवो-इंडिया द्वारा 62,476 करोड़ रुपये ‘अवैध रूप से’ चीन भेजे गए थे.
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