देश की खबरें | अदालत ने केंद्र को समलैंगिक विवाह संबंधी याचिकाओं पर जवाब देने के लिए अंतिम मौका दिया
एनडीआरएफ/प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नयी दिल्ली, आठ जनवरी दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को केंद्र और दिल्ली सरकार को समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के अनुरोध वाली याचिकाओं का जवाब देने का अंतिम अवसर दिया। इस संबंध में अदालत में तीन अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं, जिनमें से दो दंपतियों द्वारा याचिकाएं शामिल हैं।

न्यायमूर्ति राजीव सहाय एंडलॉ और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने पहले केंद्र और दिल्ली सरकारों को नोटिस जारी किया था।

पीठ ने कहा, "प्रतिवादियों को तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का एक आखिरी अवसर दिया जाता है।"

अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 फरवरी को सूचीबद्ध किया है।

केंद्र सरकार के वकील ने अदालत से कहा कि उन्हें पिछले सप्ताह संबंधित अधिकारियों से निर्देश मिले हैं और जवाब दाखिल करने के लिए कुछ समय चाहिए, जिसके बाद अदालत ने उन्हें एक और मौका दिया।

याचिका में कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर किए जाने के बावजूद समलैंगिक लोगों के बीच विवाह संभव नहीं हो पा रहा है।

याचिका में हिंदू विवाह अधिनियम और विशेष विवाह अधिनियम के तहत समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के लिए एक अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया गया है।

कृष्ण अविनाश

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)