नयी दिल्ली, 24 सितंबर वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि बजट में अपील दायर करने की मौद्रिक सीमा संशोधित किए जाने के बाद उच्चतम न्यायालय ने प्रत्यक्ष कर से जुड़े 573 मामलों का निपटान किया है।
वित्त वर्ष 2024-25 के केंद्रीय बजट में कर न्यायाधिकरणों, उच्च न्यायालयों और उच्चतम न्यायालय में प्रत्यक्ष कर, उत्पाद शुल्क और सेवा कर से संबंधित अपील दायर करने के लिए मौद्रिक सीमा को बढ़ाया गया है। सीमा को बढ़ाकर क्रमश: 60 लाख रुपये, दो करोड़ रुपये और पांच करोड़ रुपये किया गया है।
वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘‘अपील दाखिल करने की संशोधित मौद्रिक सीमा को देखते हुए उच्चतम न्यायालय ने आज प्रत्यक्ष कर से जुड़े 573 मामलों का निपटान किया। ये वे मामले हैं जहां कर प्रभाव पांच करोड़ रुपये से कम है।’’
इसमें कहा गया है कि यह कानूनी विवाद कम करने तथा व्यापार को और सुगम बनाने के सरकार के प्रयासों के अनुरूप है।
मंत्रालय के अनुसार, इन संशोधित सीमाओं के परिणामस्वरूप, यह अनुमान लगाया गया है कि समय के साथ विभिन्न न्यायिक मंचों से लगभग 4,341 मामले वापस ले लिए जाएंगे। इसमें आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) में 717 मामले, उच्च न्यायालयों में 2,781 मामले तथा उच्चतम न्यायालय में 843 मामले शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर के मोर्चे पर इन उपायों से कानूनी विवाद में फंसे कर मामलों का बोझ काफी कम होने और कर विवादों के समाधान में तेजी आने की उम्मीद है।’’
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