मुम्बई, एक जून बंबई उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के लिए कोविड-19 का जोखिम कम करना केंद्र और राज्य सरकारों का कर्तव्य और दायित्व है। अदालत ने इसके साथ ही महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में सभी चिकित्साकर्मियों एवं पुलिसकर्मियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण कराने का निर्देश दिया।
न्यायमूर्ति रवि देशपांडे और न्यायमूर्ति अमित बोरकार की खंडपीठ ने कहा कि पूरे विदर्भ क्षेत्र में अस्तपालों और निरुद्ध क्षेत्रों में तैनात अग्रिम पंक्ति के कर्मी यदि कोविड-19 परीक्षण कराना चाहते हैं तो वे सभी आरटी-पीसीआर प्रकिया के माध्यम से कोविड-19 का परीक्षण कराने के हकदार हैं।
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उच्च न्यायालय ने कहा कि इसमें बिना लक्षण वाले अग्रिम पंक्ति के कर्मी भी शामिल होंगे।
अदालत ने कहा कि राज्य सरकार और नागपुर नगर निकाय के इस रुख से उसके लिए सहमत होना संभव नहीं है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के दिशा-निर्देशों के तहत अग्रिम पंक्ति के कर्मियों का आरटी-पीसीआर परीक्षण नहीं शामिल है।
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पीठ ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद को विदर्भ क्षेत्र के अग्रिम पंक्ति के कर्मियों के नियमित परीक्षण के लिए एक सप्ताह के अंदर उपयुक्त नीति बनाने और प्रोटोकॉल तय करने का भी निर्देश दिया।
उच्च न्यायालय शहर के सिटीजन फोरम फॉर इक्वलिटी नामक एक संगठन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
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