नयी दिल्ली, 26 जून उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को दिल्ली सरकार और नगर निकायों को एक बैठक आयोजित करने तथा शहर के हरित क्षेत्र को बढ़ाने के व्यापक उपायों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा कि हरित क्षेत्र कम होने के चलते लोगों को अधिक गर्मी महसूस हो रही है।
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि वह उम्मीद करती है कि वन विभाग और वृक्ष प्राधिकरण दिल्ली में पेड़ों को अवैध रूप से नुकसान पहुंचाये जाने की गतिविधियों पर नजर रखेंगे।
पीठ ने कहा, ‘‘पेड़ों की कटाई की अवैध गतिविधियों पर विचार करते हुए हम दिल्ली सरकार, वन एवं पर्यावरण विभाग, वृक्ष प्राधिकरण, एमसीडी (दिल्ली नगर निगम), डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) को नोटिस जारी करते हैं।’’
न्यायालय ने कहा, ‘‘वन विभाग के सचिव राष्ट्रीय राजधानी के हरित कवर को बढ़ाने के लिए व्यापक उपायों पर चर्चा के वास्ते नियुक्त विशेषज्ञ समिति की मौजूदगी में इन सभी अधिकारियों की एक बैठक बुलाये।’’
शीर्ष अदालत ने सोमवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में पेड़ों की कटाई के कृत्यों को हल्के में नहीं लिया जा सकता।
न्यायालय ने इस बारे में डीडीए के उपाध्यक्ष से ‘‘स्पष्टीकरण’’ मांगा था कि क्या रिज क्षेत्र में पेड़ उपराज्यपाल के आदेश पर काटे गए थे।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने छतरपुर से साऊथ एशियन यूनिवर्सिटी तक सड़क निर्माण के लिए दक्षिणी रिज के सतबारी इलाके में पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई की अनुमति देने को लेकर डीडीए के उपाध्यक्ष सुभाशीष पांडा के खिलाफ एक अवमानना नोटिस जारी किया था।
न्यायालय ने डीडीए के उपाध्यक्ष द्वारा गुमराह करने वाला हलफनामा दाखिल किये जाने और गलत तथ्य प्रस्तुत करने को लेकर नाराजगी जताई थी।
शीर्ष अदालत ने डीडीए द्वारा काटे गए प्रत्येक पेड़ के बदले 100 पौधे लगाने का निर्देश भी दिया था।
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