देश की खबरें | अदालत ने नाबालिग पहलवान को बृजभूषण के खिलाफ दायर याचिका वापस लेने की अनुमति दी

नयी दिल्ली, सात जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को एक नाबालिग पहलवान को भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दायर याचिका वापस लेने की अनुमति प्रदान कर दी। नाबालिग पहलवान उन सात महिला पहलवानों में से एक है, जिन्होंने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

संबंधित नाबालिग पहलवान के वकील ने न्यायमूर्ति दिनेश कुमार शर्मा से कहा कि निचली अदालत के समक्ष दिल्ली पुलिस द्वारा दायर निरस्तीकरण रिपोर्ट के मद्देनजर उच्च न्यायालय में याचिका निरर्थक हो गई है।

उच्च न्यायालय ने कहा, "याचिकाकर्ता के वकील का कहना है कि चूंकि दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत के समक्ष एक निरस्तीकरण रिपोर्ट दायर की है, इसलिए वह इसे आगे नहीं बढ़ाना चाहते हैं। याचिका वापस ली गई मानकर खारिज की जाती है।"

इसने 30 मई को अपने रजिस्ट्रार जनरल, दिल्ली सरकार और पुलिस को नोटिस जारी किया था, ताकि यह तय किया जा सके कि नाबालिग पहलवान की याचिका पर कौन सी अदालत सुनवाई करेगी।

यह मुद्दा इसलिए उठा क्योंकि नाबालिगों के खिलाफ यौन अपराधों से संबंधित मामलों की सुनवाई यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत गठित एक विशेष अदालत द्वारा की जाती है। पोक्सो मामलों की सुनवाई के लिए पटियाला हाउस अदालत क्षेत्राधिकार वाली अदालत है।

हालाँकि, सांसदों/विधायकों से जुड़े मामलों की सुनवाई विशेष सांसद/विधायक अदालत द्वारा की जाती है जो राउज़ एवेन्यू अदालत के परिसर में है।

महिला पहलवानों ने निचली अदालत के समक्ष एक याचिका दायर कर जांच की निगरानी और अदालत के समक्ष कथित पीड़ितों के बयान दर्ज करने का आग्रह किया है। ऐसी ही एक याचिका नाबालिग पहलवान ने भी दायर की थी।

अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट ने 18 वर्ष से अधिक उम्र के पहलवानों की याचिका पर नोटिस जारी किया था।

इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए एक सत्र न्यायाधीश ने नाबालिग के मामले को उच्च न्यायालय में भेज दिया था।

शुक्रवार को न्यायमूर्ति शर्मा ने आदेश में यह भी कहा कि अपने पहले के आदेश के संदर्भ में, उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल ने एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि यह मामला पहले ही उच्च न्यायालय द्वारा दिल्ली सरकार के साथ उठाया जा चुका है।

हलफनामे में कहा गया कि दिल्ली सरकार की ओर से कार्रवाई अभी भी प्रतीक्षित है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के एक अधिकारी ने उच्च न्यायाय को बताया कि एक सप्ताह के भीतर उचित अधिसूचना जारी की जाएगी।

पुलिस ने पूर्व में निचली अदालत को सूचित किया था कि बृजभूषण के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है।

इसने निचली अदालत को बताया था कि सभी सात पीड़ितों के बयान एक मजिस्ट्रेट के समक्ष दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए थे।

निचली अदालत ने नाबालिग पहलवान के यौन उत्पीड़न के आरोप में सिंह के खिलाफ मामले को रद्द करने की मांग करने वाली पुलिस द्वारा दायर अंतिम रिपोर्ट पर 'पीड़ित' और शिकायतकर्ता से जवाब मांगा है।

शुक्रवार को निचली अदालत ने महिला पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण को तलब किया और कहा कि आरोपी के खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत हैं तथा उन्हें 18 जुलाई को पेश होने का निर्देश दिया।

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