अजरबैजान का मानवाधिकार रिकॉर्ड पिछले कई वर्षों से खराब रहा है और सरकार ने पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और स्वतंत्र राजनीतिज्ञों को अक्सर निशाना बनाती रही है। मानवाधिकार संगठनों ने अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और उनके प्रशासन पर जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सख्ती से दमन करने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि प्रशासन ने जलवायु कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को निशाना बनाया है।
अलीयेव के पिता हैदर ने 1993 से लेकर 2003 में अपनी मृत्यु तक अजरबैजान पर शासन किया और उनके बाद इल्हाम ने सत्ता संभाली। दोनों पर असहमति की आवाज दबाने का आरोप लगता रहा है। कैस्पियन सागर के किनारे बसे इस देश की आबादी लगभग एक करोड़ है और यह तेल और प्राकृतिक गैस भंडार की वजह से समृद्ध है।
सोवियत संघ के 1990 के दशक में विघटन के बाद आजादी मिलने के बाद से अबतक इस देश में चुनाव कथित तौर पर पूरी तरह से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हुए हैं। यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग संगठन (ओएससी) के मुताबिक सितंबर में अजरबैजान के सबसे हालिया संसदीय चुनाव ‘‘प्रतिबंधात्मक’’ माहौल में हुए। इनमें 37 प्रतिशत मतदान हुआ और किसी भी विपक्षी दल को कोई सीट नहीं मिली।
ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई पिछले दो साल में तेज हुई है। आलोचकों के खिलाफ फर्जी आपराधिक मुकदमे दर्ज किये गtly.com%2Fagency-news%2Fcop29-azerbaijan-accused-of-increasing-repression-of-opponents-before-hosting-the-summitr-2383718.html&link=https%3A%2F%2Fhindi.latestly.com%2Fagency-news%2Fcop29-azerbaijan-accused-of-increasing-repression-of-opponents-before-hosting-the-summitr-2383718.html&language=hi&handle=LatestLY&utm_source=Koo&utm_campaign=Social', 650, 420);" title="Share on Koo">