विदेश की खबरें | सीओपी29 : शिखर सम्मेलन की मेजबानी से पहले अजरबैजान पर विरोधियों का दमन बढ़ाने का आरोप
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने

अजरबैजान का मानवाधिकार रिकॉर्ड पिछले कई वर्षों से खराब रहा है और सरकार ने पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और स्वतंत्र राजनीतिज्ञों को अक्सर निशाना बनाती रही है। मानवाधिकार संगठनों ने अजरबैजान के राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव और उनके प्रशासन पर जलवायु शिखर सम्मेलन से पहले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सख्ती से दमन करने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि प्रशासन ने जलवायु कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को निशाना बनाया है।

अलीयेव के पिता हैदर ने 1993 से लेकर 2003 में अपनी मृत्यु तक अजरबैजान पर शासन किया और उनके बाद इल्हाम ने सत्ता संभाली। दोनों पर असहमति की आवाज दबाने का आरोप लगता रहा है। कैस्पियन सागर के किनारे बसे इस देश की आबादी लगभग एक करोड़ है और यह तेल और प्राकृतिक गैस भंडार की वजह से समृद्ध है।

सोवियत संघ के 1990 के दशक में विघटन के बाद आजादी मिलने के बाद से अबतक इस देश में चुनाव कथित तौर पर पूरी तरह से स्वतंत्र या निष्पक्ष नहीं हुए हैं। यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग संगठन (ओएससी) के मुताबिक सितंबर में अजरबैजान के सबसे हालिया संसदीय चुनाव ‘‘प्रतिबंधात्मक’’ माहौल में हुए। इनमें 37 प्रतिशत मतदान हुआ और किसी भी विपक्षी दल को कोई सीट नहीं मिली।

ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई पिछले दो साल में तेज हुई है। आलोचकों के खिलाफ फर्जी आपराधिक मुकदमे दर्ज किये गए हैं और अत्यधिक प्रतिबंधात्मक कानून लागू किये गए हैं जिससे मीडिया और कार्यकर्ताओं के लिए काम करना मुश्किल हो गया है।

सीओपी29 शिखर सम्मेलन शुरू होने से पहले अजरबैजान के अधिकारियों ने पश्चिमी दानकर्ताओं से कथित वित्तपोषण एवं मुद्रा तस्करी के आरोपों में देश के शेष स्वतंत्र समाचार समूहों के कम से कम 11 पत्रकारों की हिरासत अवधि बढ़ा दी है।

अजरबैजान सरकार के अधिकारियों ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ द्वारा कई बार अनुरोध किये जाने के बावजूद इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया नहीं दी।

वर्तमान में अजरबैजान सरकार के आलोचकों में शामिल उल्वी हसनली और सेविंज वागीफगिजी को हिरासत में रखा गया है। हसलनी और वागीफगिजी एक स्वतंत्र मीडिया संस्थान अबजास मीडिया के पत्रकार हैं। अबजास मीडिया ने पश्चिमी अजरबैजान में एक सोने की खदान में विरोध प्रदर्शन और प्रदूषण, कराबाख क्षेत्र में पुनर्निर्माण और उच्च पदस्थ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की खबर प्रकाशित की थी।

हसनली और वागीफगिजी को उनके चार सहयोगियों के साथ नवंबर 2023 में गिरफ्तार किया गया था।

हसनली की पत्नी रुबाबा गुलियेवा ने अजरबैजान के खराब मानवाधिकार रिकॉर्ड के मद्देनजर सभी देशों को सीओपी29 का बहिष्कार करना चाहिए।

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