कर्नाटक में किशोरी के बलात्कार के दोषी को 20 साल सश्रम कारावास की सजा
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits : Pixabay)

बेंगलुरु, 28 जून : उडुपी की, यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) संबंधी मामलों की एक विशेष त्वरित अदालत ने 55 साल के एक व्यक्ति को एक किशोरी के साथ बलात्कार करने के जुर्म में 20 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. पोक्सो फास्ट ट्रैक अदालत की न्यायाधीश न्यायमूर्ति श्रीनिवास स्वर्णा ने हावेरी के निवासी हनुमंत पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया. अदालत ने सजा का ऐलान सोमवार को किया. हनुमंत एक फार्महाउस में काम करता था जहां पीड़ित अपनी मां के साथ रहती थी. हनुमंत ने जनवरी 2021 में किशोरी से बलात्कार किया. तब वह घर पर अकेली थी. मां के आने पर उसने उसे आपबीती बताई जिसने कुंदापुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई.

दोषी को जुर्माना न देने की स्थिति में एक साल की सजा और काटनी होगी. ऐसे ही एक अन्य मामले में बेंगलुरु की पोक्सो अदालत ने 17 वर्षीय एक किशोरी से बलात्कार के जुर्म में एक व्यक्ति को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई. व्यक्ति पर आरोप था कि उसने लड़की से विवाह का वादा किया और फिर उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए. तृतीय अतिरिक्त त्वरित अदालत की न्यायाधीश इशरत जहां ने बलात्कार के मामले में दोषी को 10 साल कारावास की सजा सुनाई और उस पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया. इसके अलावा अपहरण के मामले में उसे सात साल कारावास की सजा सुनाई गई और उस पर पांच हजार रुपए जुर्माना लगाया गया. ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. यह भी पढ़ें : दिल्ली में महाराष्ट्र की सियासत पर होगी चर्चा, देवेंद्र फडणवीस पहुंचे जेपी नड्डा से मिलने

अदालत ने कर्नाटक कानूनी सेवा प्राधिकरण को पीड़िता को चार लाख रुपये का मुआवजा देने का भी निर्देश दिया. दोषी पर लगाए गए जुर्माने से 10 हजार रुपये की राशि भी पीड़िता को दी जाएगी. दोषी प्रीतम बाबू उर्फ चिट्टी बाबू ने अपने पड़ोस में रहने वाली पीड़िता से अपनी वैवाहिक स्थिति छिपाई और शादी का झांसा देकर उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया. वह उसे अपने साथ घूमने के लिए अक्सर मजबूर करता था. वह 23 दिसंबर, 2017 को उसे अपने एक दोस्त के घर ले गया और उसने उससे बलात्कार किया.