त्रिशूर (केरल), 28 दिसंबर यहां के प्रसिद्ध परमेक्कावु और थिरुवम्बाडी मंदिरों में पारंपरिक अनुष्ठान 'वेला एजुन्नालिप्पु' के दौरान आतिशबाजी के प्रदर्शन की अनुमति देने से जिला प्रशासन द्वारा इनकार करने पर विवाद पैदा हो गया है।
अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर वार्षिक अनुष्ठान में आतिशबाजी की अनुमति देने से इनकार कर दिया। इसके लिए केंद्र सरकार के विस्फोटक पदार्थ नियमों में नए संशोधन और उसके अनुरूप विभिन्न राज्य सरकार के विभागों की रिपोर्ट का हवाला दिया गया है।
'वेला एजुन्नालिप्पु' अनुष्ठान और दोनों मंदिरों में आतिशबाजी का प्रदर्शन जनवरी के पहले सप्ताह में निर्धारित है।
आदेश में जिला प्रशासन ने कहा कि क्षेत्र में आतिशबाजी का प्रदर्शन करने के लिए कोई भौतिक परिस्थिति नहीं है और इससे जनता के जीवन और संपत्ति को खतरा हो सकता है।
आदेश में कहा गया है कि संबंधित जांच अधिकारियों की राय पर भी विचार किया गया है कि सार्वजनिक जीवन की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आतिशबाजी की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह आदेश तिरुवंबडी देवस्वओम द्वारा आतिशबाजी के प्रदर्शन की अनुमति के लिए किये गए अनुरोध पर दिया गया था।
इस बीच, केंद्रीय विस्फोटक पदार्थ नियम दिशानिर्देशों का हवाला देते हुए आतिशबाजी के प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार करने के आदेश पर मंदिर प्रबंधन की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई।
तिरुवंबडी देवस्वओम के सचिव के गिरीश कुमार ने इस कदम की कड़ी आलोचना की और कहा कि तकनीकी कारणों का हवाला देकर आतिशबाजी प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा रही है। उन्होंने जिले के राजनीतिक नेताओं और मंत्रियों से इसके खिलाफ आवाज उठाने का आग्रह किया।
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