पटना-कटिहार, 22 सितंबर नीतीश कुमार नीत बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के करीबी रिश्तेदार को करोड़ों रूपये कीमत का ठेका दिए जाने का मामला सामने आने के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है।
मीडिया में आयी खबरों के अनुसार, मुख्यमंत्री के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत शुरू की गई बहुप्रचारित योजना ‘‘हर घर नल का ठेका कटिहार जिला में उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद के करीबी रिश्तेदारों को दिया गया है।’’
खबरों में कहा गया है कि कटिहार जिले में 53 करोड़ रुपये के ठेके तारकिशोर के करीबी लोगों को दिए गए जिसमें से उनकी बहू पूजा कुमारी भी शामिल हैं।
कई बार से कटिहार विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता तारकिशोर से इस मामले में अभी तक कोई प्रतिक्रिया प्राप्त नहीं हुई है।
हालांकि योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इसमें कोई अनियमितता नहीं हुई है और सभी ठेके पारदर्शी तरीके से बोली लगाकर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह महज संयोग है कि ठेके पाने वालों में कुछ उपमुख्यमंत्री के करीबी रिश्तेदार हैं।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘जब ठेके दिए गए थे तब तारकिशोर उपमुख्यमंत्री नहीं रहे होंगे। लेकिन वह स्थानीय विधायक थे। मेरे पास इस घोटाले से संबंधित दस्तावेज हैं जिन्हें मैं अगले कुछ दिनों में मीडिया के साथ साझा करूंगा।’’
बिहार की पिछली महागठबंधन सरकार में नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी ने मुख्यमंत्री की तारकिशोर के खिलाफ इस मामले में कार्रवाई में कथित असमर्थता पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘वह (नीतीश) तारकिशोर प्रसाद के खिलाफ बोलने या कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं करेंगे। वह सृजन घोटाले की फाइलें फिर से खुलने का जोखिम नहीं उठा सकते।’’
तेजस्वी का इशारा भागलपुर जिले में सरकारी खजाने से धोखाधड़ी से पैसे निकालने से जुड़े ‘‘सृजन घोटाले’’ की ओर था जिसकी जांच सीबीआई कर रही है।
बीच कटिहार से राजद के वरिष्ठ नेता राम कृष्ण महतो ने कहा कि उन्हें एक साल पहले ठेके देने में कथित पक्षपात के बारे में पता चला था। गौरतलब है कि महतो ने ही तेजस्वी यादव को सभी प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराने का दावा किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैंने विपक्ष के नेता को इस अनुरोध के साथ दस्तावेज दिया था कि वह इस मामले को विधानसभा के पिछले सत्र के दौरान उठाएंगे। हालांकि वह अब तक ऐसा नहीं कर पाए हैं, पर उनका इरादा अगले सत्र में इस मुद्दे को उठाने का है।’’
महतो ने इस मामले में अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ मामलों में काम पूरा नहीं होने के बावजूद भुगतान कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मांग करता हूं कि मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद को पद से हटाएं और मामले की जांच पटना उच्च न्यायालय के किसी निवर्तमान न्यायधीश से कराएं।’’
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