गोपेश्वर, छह फरवरी उत्तराखंड के चमोली जिले में देवखाल के समीप भदूड़ा गांव से सोमवार को वनाग्नि रोकथाम जागरूकता यात्रा की शुरूआत हुई जहां ग्रामीणों ने अपने इष्ट देवता को साक्षी मानकर इस बार जंगलों में आग न लगने देने की शपथ ली।
'चिपको के बाद यही पुकार, जंगल नहीं जलेंगे अबकी बार' नारे के साथ शुरू हुई यात्रा में
भदूड़ा गाव की ग्राम प्रधान सुनीता देवी की अध्यक्षता में लोगों ने जंगल में आग न लगने देने के लिए अपने इष्ट देवता को साक्षी मानते हुए सामूहिक शपथ ली।
इससे पहले, इस मौके पर आयोजित एक गोष्ठी में केदारनाथ वन्यजीव वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी इंद्र सिंह नेगी ने जंगलों में आग लगने से होने वाले नुक़सान की विस्तार से जानकारी देते हुए जंगलों में आग न लगने देने के लिए सभी से सामूहिक प्रण लेने का आह्वान किया।
उन्होंने ग्राम स्तर पर प्रधान की अध्यक्षता में ग्राम स्तरीय वनाग्नि सुरक्षा समिति के गठन के लिए गांव के लोगों को धन्यवाद दिया और कहा कि वन विभाग इसके लिए हर तरह की मदद देगा।
भदूड़ा के बाद यह यात्रा संगुड, सांकरी और कांडई-भजेटा से होते हुए गुड़म गांव पहुंची जहां लोगों से वनाग्नि रोकथाम के प्रति जागरूकता को लेकर संवाद किया गया।
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