देश की खबरें | कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर फ्रांस में जांच के आदेश के बाद सरकार की ‘चुप्पी’ पर उठाए सवाल

नयी दिल्ली, चार जुलाई कांग्रेस ने फ्रांस के प्राधिकारों द्वारा राफेल सौदे में ‘‘भ्रष्टाचार और तरफदारी’’ की जांच का आदेश दिए जाने के बाद भारत सरकार की ‘चुप्पी’ पर रविवार को सवाल उठाया।

पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने जानना चाहा कि रक्षा सौदे में जिस देश के सार्वजनिक धन का नुकसान हुआ, उसने जांच का आदेश क्यों नहीं दिया?

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में तो जोर-शोर से बोलती है, लेकिन जब अपने ‘‘पूंजीपति दोस्तों’’ की मदद करने की बात आती है तब देश का सुरक्षा हित उसकी नजर में कमजोर नहीं होता है।

खेड़ा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘भ्रष्टाचार, प्रभाव का इस्तेमाल, धनशोधन, तरफदारी करने के मुद्दे पर जांच कराए जाने के फ्रांस के फैसले के 24 घंटे से अधिक समय के बाद भी प्रत्येक जिम्मेदार भारतीय के सामने एक सवाल कायम है, प्रत्येक सजग नागरिक पूछता है...भारत सरकार अब तक चुप क्यों है?’’

उन्होंने कहा कि राफेल लड़ाकू विमान सौदा भारत और फ्रांस के बीच एक अंतर-सरकारी सौदा था, जिसका मतलब है कि दोनों तरफ दोनों देशों की सरकारें शामिल थीं।

खेड़ा ने पूछा कि अब जब फ्रांस की लोक अभियोजन सेवा (पीएनएफ) ने वहां के पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच शुरू कर दी है, जो सौदे के पक्षों में से एक थे तो भारत सरकार के प्रमुख पदाधिकारी की भूमिका पर किसी जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जा रहा है?

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस की मांग है कि तुरंत एक निष्पक्ष संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाए और राफेल सौदे के हर पहलू की जांच की जाए। भारत के लोग सच जानने के हकदार हैं।’’ खेड़ा ने कहा कि प्रत्येक सरकार ने हमेशा देश की राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को प्राथमिकता दी है और उसपर गर्व किया है।

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के बारे में जोर-शोर से बोलती है लेकिन जब अपने ‘‘कॉर्पोरेट मित्रों’’ के खजाने को भरने की बात आती है तो वह भारत के सुरक्षा हितों को कमजोर करने के लिए सब कुछ करती है।

उन्होंने सवाल किया कि भारतीय राजकोष को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति की जांच क्यों नहीं हो रही है?

खेड़ा ने कहा कि यह पूरी तरह से स्पष्ट है कि यह फ्रांस के लिए नहीं, बल्कि भारत के लिए नुकसान है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह फ्रांस नहीं है, जिसे धोखा दिया गया है या लूटा गया है, बल्कि यह हर एक भारतीय करदाता है जिसे धोखा दिया गया है और लूट लिया गया है।’’

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