नयी दिल्ली, 16 सितंबर कांग्रेस के सदस्यों ने संसद के दोनों सदनों में उस मीडिया रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की जिसमें कहा गया है कि एक चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी द्वारा 10,000 से अधिक प्रमुख भारतीय लोगों और संगठनों पर नज़र रखने की बात की गयी है।
उन्होंने यह भी कहा कि चीन की डिजिटल आक्रमकता से निपटने के लिए सरकार को मजबूत व्यवस्था बनानी चाहिए।
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कांग्रेस के दो सदस्यों के सी वेणुगोपाल और राजीव सातव ने उच्च सदन में शून्य काल के दौरान यह मुद्दा उठाया। इस पर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने संसदीय कार्य मंत्री से कहा कि वह इस पर ध्यान दें और संबंधित मंत्री को इसकी जानकारी दें।
लोकसभा में शून्यकाल में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि चीन ने पहले कोरोना वायरस से आक्रमकता दिखाई, फिर सीमा पर आक्रमकता दिखाई और अब वह डिजिटल आक्रमकता दिखा रहा है।
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उन्होंने कहा, ‘‘हम चीन के चंगुल में फंस गए हैं। क्या सरकार इससे अवगत है?’’
चौधरी ने सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद से कहा कि चीन की डिजिटल आक्रमकता से निपटने के लिए मजबूत व्यवस्था बनाई जाए।
कांग्रेस के कोडिकुनिल सुरेश ने भी निचले सदन में यह मुद्दा उठाया।
राज्यसभा में यह मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव वेणुगोपाल ने कहा कि वह एक चौंकाने वाली खबर की ओर ध्यान आकृष्ट करना चाहते हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा और भारतीय नागरिकों की निजता से संबंधित है।
उन्होंने कहा कि एक अंग्रेजी समाचार पत्र की एक खबर में कहा गया है कि चीन की सरकार और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी प्रौद्योगिकी कंपनी अपने विदेशी लक्ष्यों के वैश्विक डेटा बेस में 10,000 से अधिक भारतीय लोगों और संगठनों पर नजर रख रही है।
वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘यह बहुत चौंकाने वाला है... निगरानी में भारत के राष्ट्रपति, आप भारत के उपराष्ट्रपति भी, प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष सहित विपक्षी नेताओं, मुख्यमंत्री, सांसद, सेना प्रमुख और उद्योगपति शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि चीनी कंपनी ने प्रमुख पदों पर आसीन नौकरशाहों, न्यायाधीशों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, पत्रकारों, अभिनेताओं, खिलाड़ियों, धार्मिक हस्तियों और कार्यकर्ताओं के आंकड़े भी एकत्र किए हैं।
वेणुगोपाल ने कहा कि यह गंभीर चिंता का क्षेत्र है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार ने इस पर ध्यान दिया है और क्या कार्रवाई की गई है ?
राजीव सातव ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है। उन्होंने कहा कि सरकार को स्पष्टीकरण देना चाहिए और सच्चाई सामने आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक चीनी कंपनी प्रमुख लोगों की जासूसी कैसे कर सकती है।
सभापति नायडू ने संसदीय कार्य मंत्री से इस मामले पर गौर करने को कहा। उन्होंने कहा कि यह प्रमुखता से सामने आया है, इसलिए संबंधित मंत्री को सूचित करें और देखें कि क्या किया जा सकता है। उन्होंने इसकी सत्यता का भी पता लगाने को कहा।
हक हक माधव
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