ताजा खबरें | कांग्रेस ने गांव, गरीब को किया नजरंदाज, मोदी सरकार 25 साल के ‘रोडमैप’ के साथ काम कर रही है : दुबे

नयी दिल्ली, सात फरवरी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर नदी जोड़ो परियोजनाओं, गांवों तक बिजली और नलजल पहुंचाने, सुदूर इलाकों में रेल सम्पर्क पहुंचाने जैसे अनेक कल्याणकारी कार्यों को वर्षो तक नजरंदाज करने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अगले 25 साल के ‘रोडमैप’ के साथ काम कर रही है।

लोकसभा में बजट पर सामान्य चर्चा में भाग लेते हुए दुबे ने कहा कि कांग्रेस ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है, लेकिन बजट में घोषित आवंटनों और परियोजनाओं को देखते हुए यह बात खारिज हो जाती है।

उन्होंने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना पर कांग्रेस ने 60 तक कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय इसे आगे बढ़ाया गया था, लेकिन 2004 में कांग्रेस की सरकार आते ही इस योजना को ठंडे बस्ते में डालने का निर्णय ले लिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘ लोग पानी के लिए तरसते रहे। और अपनी कमजोरी छिपाने के लिए कांग्रेस ने ऐसा किया।’’

दुबे ने कहा कि मोदी सरकार ने न केवल नदी जोड़ो परियोजना को आगे बढ़ाया बल्कि इस बजट में केन-बेतवा के अलावा देश की अन्य परियोजनाओं के लिए भी आवंटन किया गया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह देश का बजट नहीं है।

दुबे ने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों की सुध ली जिन पर वर्षो तक ध्यान नहीं दिया गया था ।

उन्होंने कहा कि इस बजट में पहली बार यह दिखाई दे रहा है कि गंगा के पांच किलोमीटर के दायरे में जैविक खेती के लिए सरकार कटिबद्ध है। दुबे ने कहा कि एक तरफ किसानों को जैविक खेती की तरफ बढ़ाना और दूसरी तरफ रासायनिक उर्वरकों, बाढ़ के कारण खेतों को होने वाले नुकसान से उन्हें बचाने की सोचना...इसमें कौन सी राजनीति है।

दुबे ने कहा कि क्या गरीबों को रेल देखने का अधिकार नहीं है, क्या आज पीएम गतिशक्ति काम नहीं कर रही? आज सुदूर इलाकों में रेल पहुंच रही है।

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में बजट में केवल घोषणाएं नहीं होतीं, बल्कि उन्हें पूरा करने की योजना पहले बनाई जाती है।

दुबे ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में दो साल से महामारी का असर है और स्कूल तथा कॉलेज लगभग बंद हैं। उन्होंने कहा कि गांवों में जहां 4जी इंटरनेट की बात तो छोड़िए, मोबाइल पर ठीक से बात नहीं हो पाती थी, ऐसे में पहली बार किसी प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री ने डिजिटल विश्वविद्यालय, टीवी के माध्यम से अनेक ओं में पढ़ाई का खाका पेश किया गया है। उन्होंने कहा, ‘‘ क्या यह बजट गरीबों, बच्चों के लिए नहीं है।’’

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