नयी दिल्ली, 23 अगस्त : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के बीच चुनाव पूर्व गठबंधन को ‘अपवित्र’ बताते हुए शुक्रवार को कांग्रेस से पूछा कि क्या वह अपने सहयोगी के ‘भारत को तोड़ने’ के एजेंडे का समर्थन करती है. इससे एक दिन पहले, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू- कश्मीर की सभी 90 विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस के साथ अपनी पार्टी के गठबंधन की घोषणा की. जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के बाद वहां सितंबर में पहली बार विधानसभा चुनाव होने हैं. भाजपा की नेता स्मृति ईरानी ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा, “सत्ता पाने के लिए एक अपवित्र गठबंधन बना है. कांग्रेस पार्टी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एक साथ आकर गठबंधन की घोषणा की है, जिससे कई सवाल खड़े हो गए हैं.”
उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सार्वजनिक तौर पर घोषणा की है कि सत्ता में आने पर वह अनुच्छेद 370 और 35 ए को बहाल करेगी. उन्होंने कांग्रेस से पूछा कि क्या वह अब्दुल्ला के नेतृत्व वाली पार्टी के भारत को तोड़ने के एजेंडे का समर्थन करती है. ईरानी ने पूछा, “नेशनल कॉन्फ्रेंस एक अलग झंडे की बात करती है. क्या कांग्रेस पार्टी जम्मू- कश्मीर के लिए अलग झंडे के नेशनल कॉन्फ्रेंस के वादे का समर्थन करती है.” ईरानी ने कहा, “नेकां नियंत्रण रेखा के पार व्यापार के बारे में बात करती है, जबकि पाकिस्तान आतंकवाद और आतंकवादियों से जुड़े पारिस्थितिकी तंत्र को पोषित करना जारी रखे हुए है. क्या कांग्रेस पार्टी जम्मू-कश्मीर में अशांति पैदा करने के पाकिस्तानी एजेंडे का समर्थन करती है.” भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस कश्मीर को स्वायत्तता देने की “विभाजनकारी राजनीति” कर रही है और कांग्रेस से पूछा कि क्या वह अपने सहयोगी की ऐसी “खतरनाक राजनीति” का समर्थन करती है. यह भी पढ़ें :पीएम मोदी की यूक्रेन यात्रा का अमेरिका ने किया स्वागत, कहा युद्ध समाप्त करने में होगी सहायक
उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी को जवाब देना चाहिए कि क्या अनुच्छेद 370 की बहाली का नेशनल कॉन्फ्रेंस का एजेंडा उसे स्वीकार्य है. क्या कांग्रेस पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस की जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है.” भाजपा नेता ने कहा कि प्रत्येक भारतीय ने निरंतर यह संकल्प लिया है कि “एक राष्ट्र के रूप में हमारा एक संविधान और एक झंडा होगा.” ईरानी ने कहा, “क्या कांग्रेस चाहती है कि शंकराचार्य पर्वत को तख्त-ए-सुलेमान और हरि पर्वत को कोहि-मरान के नाम से जाना जाए.” उन्होंने कांग्रेस से यह भी स्पष्ट करने को कहा कि क्या नेकां के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन का यह मतलब है कि वह आरक्षण के खिलाफ है? क्या जम्मू-कश्मीर में पीडीपी के साथ भाजपा का गठबंधन भी 'अपवित्र' था, विपक्ष के इस सवाल के बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर ईरानी ने जवाब दिया, “अनुच्छेद 370 को हटाना कई वर्षों से हमारे संकल्प का हिस्सा था. हमने अनुच्छेद 370 को हटाया और अपना वादा पूरा किया.”