देश की खबरें | कांग्रेस विधायक उदयपुर से जयपुर पहुंचे, हवाई अड्डे से एक अन्य होटल ले जाया गया

जयपुर, नौ जून राजस्थान कांग्रेस विधायक और पार्टी समर्थक निर्दलीय विधायक बृहस्पतिवार को उदयपुर से यहां पहंचे। इन विधायकों को राजस्थान में 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव से पहले खरीद फरोख्त के भय के बीच उदयपुर के एक होटल में रखा गया था।

उदयपुर के एक होटल में दो जून से रह रहे प्रदेश कांग्रेस और उनके समर्थक विधायक बृहस्पतिवार को जयपुर हवाई अड्डे पहुंचे जहां से उन्हें एक अन्य होटल में स्थानांतरित किया गया।

जयपुर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे विधायकों को बसों से जयपुर-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित लीला होटल ले जाया गया जहां से उन्हें शुक्रवार सुबह राज्यसभा चुनाव में मतदान के लिए सीधे विधानसभा ले जाया जायेगा। राज्यसभा की चारों सीटों के लिए विधानसभा में मतदान शुक्रवार सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक होगा और मतगणना शाम पांच बजे शुरू होगी।

कांग्रेस और समर्थक विधायक के साथ उदयपुर से जयपुर पहुंचे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हवाई अड्डे पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘ये परंपरा जो भाजपा वाले डाल रहे हैं, हम चाहते हैं कि इस बार सबक ऐसा मिलना चाहिए कि भविष्य में ऐसी नौबत ही नहीं आये.. इस बार हम तीनों सीटें जीत रहे हैं। कोई दिक्कत नहीं आ है और हमारा कुनबा एकजुट है।’’

इस सवाल पर कि भाजपा आरोप लगा रही है कि कांग्रेस अपने विधायकों को एकजुट रखने के लिए पूरा जोर लगा रही है, गहलोत ने कहा, ‘‘वो लोग इतने घबरा गए हैं कि आप खुद देख रहे होंगे कि वे चुनाव आयोग और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के पास जा रहे हैं.. ईडी के पास जाने का क्या तुक है... न्यायपालिका में प्रयास कर रहे हैं.. उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय जा रहे हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राज्यसभा के कल तो चुनाव हैं और आज उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय जा रहे हैं तो आप समझ सकते है कि इनकी स्थिति क्या बन गई है.. आराम से तीनों सीटें कांग्रेस जीतने जा रही है।’’

जयपुर पहुंचने के बाद गहलोत माकपा विधायक बलवान पूनियां से मिलने अस्पताल पहुंचे और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।

कांग्रेस ने राज्यसभा चुनाव में तीन उम्मीदवार मुकुल वासनिक, प्रमोद तिवारी और रणदीप सुरजेवाला को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के आलोचक रहे पूर्व मंत्री घनश्याम तिवाडी को अपना उम्मीदवार बनाया है।

विधानसभा में संख्या बल के आधार पर कांग्रेस दो सीटों पर और भाजपा एक सीट पर आसान जीत दर्ज करेगी। हालांकि दिलचस्प मुकाबला चौथी सीट के लिये है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मीडिया कारोबारी सुभाष चंद्रा के राज्यसभा चुनाव में नामांकन दाखिल करने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। चंद्रा को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में विपक्षी भाजपा के समर्थन देने के बाद कांग्रेस ने विधायकों की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया और अपने विधायकों को दो जून को उदयपुर के एक होटल भेज दिया था। इससे पहले भी 2020 के राज्यसभा चुनाव के दौरान भी विधायकों को होटल में रखा गया था। इस बार विधायकों को जयपुर के होटल में रखने की बजाय उदयपुर के होटल में रखा गया।

विपक्षी भाजपा ने भी अपने विधायकों को जयपुर के बाहरी क्षेत्र जामडोली स्थित एक होटल में प्रशिक्षण शिविर के लिए स्थानांतरित किया है।

खरीद फरोख्त के प्रयासों के कांग्रेस पार्टी के आरोपों के बीच निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा ने मंगलवार को यह दावा करके सत्तारूढ़ कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी कि आठ विधायक उनके समर्थन में क्रास वोटिंग करेंगे और वह जीत दर्ज करेंगे।

200 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस में शामिल हुए बसपा के छह विधायकों सहित कांग्रेस के 108 विधायक हैं। दो विधायकों वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) ने उसे समर्थन दिया है।

संख्या बल के हिसाब से राजस्थान की 200 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस अपने 108 विधायकों के साथ दो सीटें व भाजपा 71 विधायकों के साथ एक सीट आराम से जीत सकती है। दो सीटों के बाद कांग्रेस के पास 26 अधिशेष व भाजपा के पास 30 अधिशेष वोट होंगे। कांग्रेस को तीसरे प्रत्याशी को जिताने के लिए 15 और वोट (कुल 41) चाहिए।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि निर्दलीय व भारतीय ट्राइबल पार्टी के विधायकों को मिलाकर उनके पास कुल मिलाकर 126 विधायकों का समर्थन है। वहीं भाजपा के 30 अधिशेष व राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के तीन (कुल 33) मत निर्दलीय चंद्रा के पास हैं। उन्हें जीतने के लिए 41 मत चाहिए, इस तरह से उनके पास जीत के लिए आठ मत कम हैं।

वहीं विधानसभा में सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने इस बारे में पहले भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो व उसके बाद निर्वाचन आयोग को शिकायत की। उधर भाजपा ने कांग्रेस पर खरीद-फरोख्त के प्रयास का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग और प्रवर्तन निदेशालय को शिकायत की।

उल्लेखनीय है कि राजस्थान से राज्यसभा की 10 सीटें हैं और फिलहाल भाजपा के पास सात और कांग्रेस के तीन सांसद हैं। भाजपा के ओमप्रकाश माथुर, के जे अल्फोंस, रामकुमार वर्मा और हर्षवर्धन सिंह डूंगरपुर का कार्यकाल चार जुलाई को पूरा हो रहा है। भाजपा के अन्य तीन राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल, भूपेंद्र यादव (केंद्रीय मंत्री) और राजेंद्र गहलोत हैं।

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