नयी दिल्ली, नौ जनवरी सूचना का अधिकार कानून के तहत ऑनलाइन आवेदन दाखिल करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले केंद्र के आरटीआई पोर्टल के लिए हाल में शुरू की गई वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) सुविधा का उद्देश्य उपयोगकर्ता की गोपनीयता की रक्षा करना है। केंद्र ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) पोर्टल की कार्य प्रणाली के बारे में व्यक्त की गई चिंताओं पर उपयुक्त कदम उठाते हुए स्पष्ट किया है कि नए ओटीपी फीचर की शुरुआत के बाद यह प्रणाली चालू और प्रभावी है।
पोर्टल के तहत व्यक्ति आरटीआई आवेदन दायर कर सकता है, उसकी स्थिति जान सकता है तथा जवाब न आने या अधूरी वांछित सूचना मिलने की स्थिति में अपील दायर कर सकता है।
बयान में कहा गया है कि डीओपीटी ने एक व्यापक समीक्षा में पुष्टि की है कि पोर्टल की नई कार्यान्वित की गई विशेषताएं सुचारू रूप से काम कर रही है और उपयोगकर्ताओं के अनुकूल हैं। इनमें एक उन्नत सुरक्षा प्रोटोकॉल भी शामिल है।
इसके मुताबिक, कुछ उपयोगकर्ताओं के मुद्दों पर प्रतिक्रिया देते हुए, डीओपीटी ने स्पष्ट किया कि दो जनवरी, 2025 को शुरू की गई ओटीपी सुविधा उपयोगकर्ताओं को प्रमाणित करने और आरटीआई आवेदनों में शामिल संवेदनशील व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए लागू की गई है।
बयान के अनुसार, ओटीपी प्राप्त करने में देरी के विषय में डीओपीटी ने स्पष्ट किया कि एनआईसी ईमेल डोमेन से ओटीपी तुरंत भेजे जाते हैं, लेकिन कभी-कभी एनआईसी सर्वर या जीमेल या याहू जैसी बाहरी ईमेल सेवाओं पर अधिक दबाव के कारण देरी हो सकती है।
इसमें कहा गया है कि महत्वपूर्ण बात यह है कि भेजे गए ओटीपी तब तक समाप्त नहीं होते जब तक उनका उपयोग नहीं किया जाता है, जिसका अर्थ है कि उपयोगकर्ता ओटीपी प्राप्त होते ही अपने आवेदन की स्थिति का पता कर सकते हैं।
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)