बेलगावी (कर्नाटक), 12 दिसंबर कर्नाटक विधानसभा में बृहस्पतिवार को उस समय तीखी नोकझोंक हुई जब कांग्रेस के मंत्री जी परमेश्वर और प्रियांक खरगे ने इस सप्ताह की शुरुआत में पंचमसाली लिंगायत प्रदर्शनकारियों पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर चर्चा के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का उल्लेख किए जाने पर भाजपा विधायकों की आपत्ति पर सवाल उठाए।
विवाद तब शुरू हुआ जब पंचमसाली लिंगायत समुदाय के नेता और कांग्रेस विधायक विजयानंद कशप्पनावर ने आरोप लगाया कि भाजपा से जुड़ी कुछ ताकतों ने विरोध प्रदर्शन को ‘‘हाईजैक’’ कर लिया है। उन्होंने दावा किया कि ‘‘आरएसएस के लोग पथराव में शामिल थे’’ जिसके कारण पुलिस कार्रवाई हुई।
इससे भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों के बीच वाक्युद्ध छिड़ गया। भाजपा के विधायकों ने विधानसभा के रिकॉर्ड से आरएसएस का संदर्भ हटाए जाने की मांग की।
इसके बाद प्रियांक खरगे ने कहा कि क्या भाजपा आरएसएस को ‘‘असंसदीय’’ मानती है जो वह उसका संदर्भ रिकॉर्ड से हटाने की मांग कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘क्या आरएसएस असंसदीय है? इसे हटाने के लिए कह कर आप यह संकेत दे रहे हैं कि यह (असंसदीय) है।’’
इसके बाद दोनों पक्षों के बीच बहस और बढ़ गई।
बाद में लाठीचार्ज की घटना पर चर्चा हुई और परमेश्वर ने न्यायिक जांच की भाजपा की मांग को खारिज कर दिया और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई से इनकार कर दिया।
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