नयी दिल्ली, 28 जुलाई कांग्रेस ने रविवार को प्रस्तावित ग्रेट निकोबार बुनियादी ढांचा परियोजना को ‘‘पर्यावरणीय और मानवीय आपदा’’ करार दिया तथा संबंधित संसदीय समितियों द्वारा इसकी पूरी तरह निष्पक्ष समीक्षा किये जाने की मांग की।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर मीडिया की रिपोर्ट साझा की, जिसमें दावा किया गया है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा नियुक्त उच्चस्तरीय समिति (एचपीसी) को ग्रेट निकोबार बुनियादी ढांचा परियोजना के लिए हरित मंजूरी की समीक्षा करने का काम सौंपा गया था। इस समिति ने निष्कर्ष निकाला कि प्रस्तावित बंदरगाह द्वीप तटीय विनियमन क्षेत्र-आईए (आईसीआरजेड-आईए) में नहीं आता है, जहां बंदरगाहों पर प्रतिबंध है, बल्कि आईसीआरजेड-आईबी में है, जहां इनकी अनुमति है।
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘ये केवल सूत्रधार के इशारे पर खेले जा रहे खेल हैं, जो ग्रेट निकोबार बुनियादी ढांचा परियोजना के नाम पर पर्यावरणीय और मानवीय आपदा को बढ़ावा दे रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे कई सवाल उठते हैं भूमि वर्गीकरण इस तरह कैसे बदल सकता है? जमीनी स्तर की वास्तविकताओं के बारे में ज्यादा वाकिफ स्थानीय प्राधिकार अंडमान और निकोबार तटीय प्रबंधन प्राधिकरण को कुछ ‘विशेषज्ञ’ निकाय की तुलना में ज्यादा तवज्जो देना चाहिए, जिसे प्रभावित किया जा सकता है।’’
रमेश ने सवाल किया कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह एकीकृत विकास निगम (एएनआईआईडीसीओ) और नेशनल सेंटर फॉर सस्टेनेबल कोस्टल मैनेजमेंट (एनसीएससीएम) के पास कौन सी नयी जानकारी उपलब्ध है, जिससे वे अब तक कही गई सभी बातों को पलटने और भूमि के वर्गीकरण को बदलने में कामयाब हो गए हैं। उन्होंने इस तरह के पुनर्वर्गीकरण के लिए उचित प्रक्रिया के बारे में भी पूछा।
उन्होंने कहा, ‘‘एनसीएससीएम की गतिविधियों के बारे में और अधिक विवरण उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने निकोबार द्वीप समूह का दौरा कब किया? उन्होंने जानकारी एकत्र करने के लिए कौन से तरीके अपनाए? एनएससीएसएम की रिपोर्ट कब सार्वजनिक की जाएगी?’’
रमेश ने सवाल किया कि एनजीटी को सौंपी गई एचपीसी रिपोर्ट कब सार्वजनिक की जाएगी। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस प्रस्तावित परियोजना की संबंधित संसदीय समितियों द्वारा निष्पक्ष समीक्षा की जानी चाहिए।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)