देश की खबरें | पर्यवेक्षी भूमिका वाले रेल कर्मियों के करियर ठहराव का अध्ययन करने के लिए समिति गठित

नयी दिल्ली, 26 नवंबर रेलवे बोर्ड ने विभिन्न विभागों में पर्यवेक्षी भूमिका वाले कर्मचारियों के करियर में ठहराव के मुद्दे की समीक्षा करने और उनकी पदोन्नति की संभावनाओं में सुधार के तौर-तरीके सुझाने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है।

यह मामला ग्रेड वेतन स्तर एल-सात और एल-आठ के तहत समूह सी श्रेणियों में वरिष्ठ अनुभाग अभियंता, कनिष्ठ अभियंता इंजीनियर, मुख्य मंडल नियंत्रक, यातायात निरीक्षक और स्टेशन प्रबंधक सहित अन्य पदों से संबंधित है।

समिति को छह सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी है। 20 नवंबर, 2024 को बोर्ड के एक आदेश में कहा गया, ‘‘रेल मंत्रालय (रेलवे बोर्ड) ने पर्यवेक्षी श्रेणियों से संबंधित मुद्दों की समीक्षा के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया है।”

समिति के काम के दायरे को रेखांकित करते हुए आदेश में कहा गया है कि यह ‘‘एल-सात स्तर पर करियर ठहराव के मुद्दे का अध्ययन करेगी और सभी पर्यवेक्षी श्रेणियों के लिए पदोन्नति की संभावनाओं में सुधार के तौर-तरीकों का सुझाव देगी।’’

इसके अलावा समिति निहितार्थों का अध्ययन करेगी और लेवल-आठ में अपग्रेड किए गए पर्यवेक्षकों को समूह बी का दर्जा देने के तौर-तरीके सुझाएगी।

रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पदों का वर्गीकरण विभिन्न ग्रेड वेतनमानों पर आधारित है और जहां तक ​​समूह ए पदों (ग्रेड पे ग्रेड 6600 रुपये और उससे ऊपर 10 से 18 के स्तर पर) का सवाल है, रेल मंत्रालय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के वर्गीकरण का पालन करता है जो अन्य मंत्रालयों और सरकारी विभागों में लागू है।

रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘समस्या समूह बी और समूह सी के कर्मचारियों के लिए आती है जो 4200 रुपये से 5400 रुपये के ग्रेड वेतन में हैं जोकि ‘डीओपीटी’ के वर्गीकरण के अनुरूप नहीं है।

उन्होंने आगे कहा, ‘‘उदाहरण के लिए, एक मुख्य मंडल नियंत्रक, जिसका ग्रेड वेतन 5400 रुपये है, गैर-राजपत्रित समूह सी श्रेणी के अंतर्गत आता है, जबकि अन्य सरकारी विभागों में समान ग्रेड का वेतन एक कर्मचारी को राजपत्रित समूह बी श्रेणी का हकदार बनाता है, जिससे वह अधिक लाभ और सामाजिक प्रतिष्ठा प्राप्त कर सकता है। यहां तक ​​कि 4200 रुपये और उससे अधिक का ग्रेड वेतन भी राज्य और कुछ केंद्र सरकार के विभागों में राजपत्रित समूह बी श्रेणी के अंतर्गत आता है।’’

पदों के वर्गीकरण के अलावा, करियर में ठहराव एक और मुद्दा है जिसका सामना समूह बी और समूह सी श्रेणियों के कुछ रेलवे कर्मचारियों की पदोन्नति की गुंजाइश न होने के कारण करना पड़ता है।

एक अन्य रेलवे अधिकारी ने कहा, ‘‘एक बार जब कोई कर्मचारी मुख्य मंडल ट्रेन नियंत्रक के पद पर पदोन्नत हो जाता है, तो वह सेवानिवृत्ति तक उसी पद पर रहता है क्योंकि उसकी पदोन्नति की कोई गुंजाइश नहीं होती है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘वह संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रगति योजना (एमएसीपी) के तहत बेहतर ग्रेड वेतन हासिल कर सकते हैं, जो रेलवे कर्मचारियों को 10, 20 और 30 साल की नियमित सेवा पूरी करने के बाद वित्तीय उन्नयन प्रदान करता है, लेकिन उनकी पद श्रेणी और कार्य प्रोफाइल अपरिवर्तित रहती है।’’

हालांकि, कुछ कर्मचारी संघ इस कदम को लेकर बहुत उत्साहित नहीं हैं क्योंकि उन्होंने कहा कि बोर्ड ने पहले इसी उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारियों की तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था लेकिन उसकी सिफारिशों को कभी लागू नहीं किया गया।

पिछली समिति ने सिफारिश की थी कि मूल आधार पर ग्रेड पे 4600/लेवल-सात वाले सभी कर्मचारियों को समूह-बी (गैर-राजपत्रित) के रूप में वर्गीकृत किया जाए।

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