Silkyara-Barkot Tunnel: सिल्कयारा-बारकोट सुरंग में चट्टान का वर्गीकरण खराब से उचित के बीच- नितिन गडकरी
Nitin Gadkari Photo Credits: Twitter

नयी दिल्ली, 20 दिसंबर : केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि सिलक्यारा-बारकोट सुरंग का निर्माण शुरू होने से पहले सरकार को इससे संबंधित प्रस्तुत की गई भू- वैज्ञानिक रिपोर्ट में चट्टान का वर्गीकरण खराब से लेकर उचित तक किया गया था. इस सुरंग में 12 नवंबर को कुल 41 मजदूर फंस गए थे और उन्हें 28 नवंबर को बचा लिया गया.

गडकरी ने एक सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन को बताया, ‘‘सिल्कयारा-बारकोट सुरंग संरेखण (लंबाई 4531 मीटर) के संबंध में विस्तृत परियोजना रिपोर्ट सलाहकार द्वारा प्रस्तुत भूवैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार चट्टान का वर्गीकरण खराब (श्रेणी 5) से लेकर उचित (श्रेणी-3) तक है.’’ उन्होंने कहा कि कार्य निष्पादन के दौरान ‘ईपीसी’ ठेकेदार द्वारा रिपोर्ट किया गया चट्टान का वर्गीकरण खराब से लेकर उचित तक है. उन्होंने कहा कि सुरंग निर्माण के दौरान कमजोर चट्टानों की समस्या के निदान के लिए ‘‘शॉटक्रीट, फोर पोलिंग, रॉक बोल्ट्स, स्टील रिब, जाली गर्डर’’ आदि जैसी अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की आवश्यकता होती है.’’ यह भी पढ़ें : हमारी प्रतिबद्धता कानून के शासन के प्रति है: पन्नुन को लेकर अमेरिका के आरोपों पर बोले मोदी

नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल किया था, ‘‘ क्या सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि सिलक्यारा - बारकोट सुरंग के शुरू होने से पहले सरकार को इससे संबंधित प्रस्तुत की गई भू- वैज्ञानिक रिपोर्ट का ब्यौरा क्या है और क्या यह सच है कि रिपोर्ट में यह दर्शाया गया है कि प्रस्तावित सुरंग के बीच में कमजोर चट्टानें आ सकती हैं?’’ राष्ट्रीय राजमार्ग एवं बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) हैदराबाद की नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड के जरिए इस सुरंग का निर्माण कर रहा है.