देश की खबरें | इंदौर के आश्रम से नाबालिग लड़के के अपहरण का दावा, सीसीटीवी फुटेज में सुराग नहीं

इंदौर (मध्यप्रदेश), 10 जुलाई इंदौर में छह बच्चों की मौत से चर्चा में आए एक आश्रम का 16 वर्षीय लड़का लापता हो गया है। आश्रम प्रबंधन ने मानसिक रूप से कमजोर लड़के को अज्ञात व्यक्ति द्वारा ‘‘बहला-फुसलाकर’’ अगवा किए जाने का दावा करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) आशीष पटेल ने बताया कि शहर के मल्हारगंज थाना क्षेत्र के श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम में हैजे के प्रकोप के बाद बच्चों की तबीयत बिगड़ने के बाद कुछ बच्चों को छह जुलाई को खंडवा नाका स्थित अखंड परमानंद आश्रम में एहतियात के तौर पर भेजा गया था।

उन्होंने बताया,‘‘आश्रम प्रबंधन ने तेजाजी नगर पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है कि इन बच्चों में शामिल आनंद (16) को किसी अज्ञात बदमाश ने बहला-फुसलाकर आठ जुलाई को अगवा कर लिया।’’

एसीपी ने बताया कि पुलिस को घटनास्थल के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों के आठ जुलाई के फुटेज में यह लड़का नहीं दिखा है। उन्होंने बताया,‘‘हम आठ जुलाई से पहले के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं।’’

पटेल ने बताया कि श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम के प्रबंधन के मुताबिक लापता लड़का मानसिक रूप से कमजोर है और उसे हरदा की बाल कल्याण समिति ने जनवरी में इंदौर भिजवाया था।

उन्होंने बताया कि नाबालिग लड़के के लापता होने के मामले की तमाम पहलुओं से जांच की जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि श्री युगपुरुष धाम बाल आश्रम के भीतर चार बच्चों ने हैजे से पीड़ित होने के बाद एक और दो जुलाई के बीच दम तोड़ा, जबकि इस संस्थान में 30 जून को जान गंवाने वाले एक बच्चे के बारे में दावा किया गया था कि उसकी मौत दौरे पड़ने के कारण हुई थी।

उन्होंने बताया कि आश्रम के एक अन्य बच्चे की 29 और 30 जून की दरमियानी रात मौत हुई थी, लेकिन आश्रम प्रबंधन ने इस बच्चे की मौत की जानकारी प्रशासन को नहीं दी थी और उसके शव को परिजनों को सौंपे जाने के बाद एक स्थानीय श्मशान में अंतिम संस्कार कर दिया गया था।

अधिकारियों के मुताबिक आश्रम प्रबंधन का दावा है कि इस बच्चे की मौत मिर्गी से हुई थी, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है।

उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा गठित उच्च स्तरीय समिति की जांच में आश्रम में क्षमता से अधिक बच्चों को भर्ती किए जाने, बच्चों का मेडिकल रिकॉर्ड उचित तरीके से नहीं रखे जाने और संस्थान के रखरखाव की अन्य गड़बड़ियों का भी खुलासा हुआ।

(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)