बीजिंग, 27 जुलाई चीन में प्रारंभ में कोरोना वायरस के मामलों का पता लगाने वाले एक चीनी डॉक्टर ने स्थानीय प्रशासन पर उसके केंद्र वुहान में इस महामारी की प्रारंभिक स्तर पर लीपापोती करने का आरोप लगाया और कहा कि जब वे जांच के लिए गये तब सबूत पहले ही नष्ट कर दिया गया था।
हांगकांग के सूक्ष्मजीवविज्ञान एवं चिकित्सक प्रोफेसर क्वोक-यंग युएन ने बीबीसी से कहा कि हुनान के वन्यजीव बाजार में सबूत नष्ट कर दिया गया और चिकित्सकीय निष्कर्ष के प्रति जवाबी कार्रवाई बहुत धीमी थी।
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युएन ने चीनी शहर वुहान में कोविड-19 महामारी के फैलने की जांच में मदद की थी।
बीबीसी के अनुसार उन्होंने कहा, ‘‘ जब हम हुनान सुपरमार्केट में गये तब वाकई वहां देखने के लिए कुछ था ही नहीं क्योंकि बाजार की पहले ही सफाई कर दी गयी थी। ऐसे में आप कह सकते हैं कि अपराधदृश्य में पहले ही गड़बड़ी कर दी गयी थी क्योंकि सुपरमार्केट साफ था। हम ऐसा कुछ नहीं पहचान पाए जो इंसानों में इस वायरस को पहुंचा रहा है।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे संदेह है कि वे वुहान में स्थानीय स्तर पर कुछ लीपा-पोती की गयी हैं। जिन स्थानीय अधिकारियों को तत्काल सूचना आगे भेजवानी थी, उन्होंने उसे उतनी तत्परता से ऐसा होने नहीं दिया जितनी तत्परता से होनी चाहिए।’’
कोरोना वायरस पिछले साल दिसंबर में वुहान के हुनान वन्यजीव बाजार से फैला था और अब वह दुनियाभर में 1.6 करोड़ लोगों को संक्रमित कर चुका है। इस संक्रमण के चलते दुनिया में 648,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और विश्व अर्थव्यवस्था का पहिया थम गया है।
जॉन होपकिंस के आंकड़े के अनुसार चीन में कोविड-19 के 86,570 मामले सामने आए और 4,652 मौतें हुईं।
अमेरिका समेत कई देशों ने इस बीमारी की गंभीरता के बारे में दुनिया को अवगत नहीं कराने को लेकर चीन की आलोचना की। लेकिन चीन ने सूचना रोकने के आरोप से इनकार किया है।
चीन पर डॉ ली वेनलियांग और अन्य ऐसे लोगों को सताने का आरोप है जिन्होंने इस जानलेवा वायरस के बारे में चिकित्साकर्मियों को चेतावनी देन का प्रयास किया।
पिछले साल दिसंबर में ली पहले एसे व्यक्ति थे जिन्होंने इस वायरस के बारे में रिपोर्ट किया था। वह संक्रमित होकर फरवरी में मर गये।
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