श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने
बीजिंग, 21 सितंबर चीन ने ताइवान के प्रति अपने रुख को नरम करते हुए बुधवार को कहा कि स्वशासित द्वीप का चीन के अधीन आना निश्चित है लेकिन वह इसे शांतिपूर्ण तरीके से करने का प्रयास करेगा।
अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल में बयान दिया था कि अगर चीन, ताइवान पर हमला करता है तो उनका देश स्वशासित द्वीप की रक्षा करेगा। एक दिन पहले ही अमेरिकी और कनाडk ds युद्धपोत ताइवान जलडमरु मध्य से गुजरे थे, जिसके बाद चीन की ओर से यह बयान आया है।
चीन द्वारा ताइवान के खिलाफ ताकत के इस्तेमाल करने को लेकर बढ़ रही चिंता के बारे में पूछे जाने पर ताइवान मामले के सरकारी प्रवक्ता मा शिआओगुआंग ने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहता हूं... हम पूरी गंभीरता और ईमानदारी से शांतिपूर्ण एकीकरण की कोशिश करने के इच्छुक हैं।’’
गौरतलब है कि वर्ष 1949 के गृहयुद्ध में चीन और ताइवान अलग हो गए थे एवं मुख्य भूमि पर कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा हो गया था जबकि ताइवान पर प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रवादियों ने अपनी सरकार बनाई।
ताइवान मुद्दे पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान मा ने अपने जवाब में ताकत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, जैसा कि पूर्व में वह कहते थे। उन्होंने कहा कि ताइवान या उसके अंतरराष्ट्रीय समर्थकों द्वारा किसी उकसावे की कार्रवाई करने पर चीन ‘‘ ठोस कदम’’ उठाएगा।
मा ने कहा कि चीन ताइवान की मदद करने के लिए और नीतियों को लागू करेगा, चीन के साथ एकीकरण के लाभ को रेखांकित करेगा और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मातृभूमि को एकीकृत होनी चाहिए और (यह)निश्चित तौर पर एकीकृत होगी। यह ऐतिहासिक परिपाटी है, जिसे कोई रोक नहीं सकता।’’
(यह सिंडिकेटेड न्यूज़ फीड से अनएडिटेड और ऑटो-जेनरेटेड स्टोरी है, ऐसी संभावना है कि लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है)
श्रीलंका के प्रधानमंत्री दिनेश गुणवर्धने
बीजिंग, 21 सितंबर चीन ने ताइवान के प्रति अपने रुख को नरम करते हुए बुधवार को कहा कि स्वशासित द्वीप का चीन के अधीन आना निश्चित है लेकिन वह इसे शांतिपूर्ण तरीके से करने का प्रयास करेगा।
अमेरिका राष्ट्रपति जो बाइडन ने हाल में बयान दिया था कि अगर चीन, ताइवान पर हमला करता है तो उनका देश स्वशासित द्वीप की रक्षा करेगा। एक दिन पहले ही अमेरिकी और कनाडk ds युद्धपोत ताइवान जलडमरु मध्य से गुजरे थे, जिसके बाद चीन की ओर से यह बयान आया है।
चीन द्वारा ताइवान के खिलाफ ताकत के इस्तेमाल करने को लेकर बढ़ रही चिंता के बारे में पूछे जाने पर ताइवान मामले के सरकारी प्रवक्ता मा शिआओगुआंग ने कहा, ‘‘मैं दोहराना चाहता हूं... हम पूरी गंभीरता और ईमानदारी से शांतिपूर्ण एकीकरण की कोशिश करने के इच्छुक हैं।’’
गौरतलब है कि वर्ष 1949 के गृहयुद्ध में चीन और ताइवान अलग हो गए थे एवं मुख्य भूमि पर कम्युनिस्ट पार्टी का कब्जा हो गया था जबकि ताइवान पर प्रतिद्वंद्वी राष्ट्रवादियों ने अपनी सरकार बनाई।
ताइवान मुद्दे पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान मा ने अपने जवाब में ताकत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया, जैसा कि पूर्व में वह कहते थे। उन्होंने कहा कि ताइवान या उसके अंतरराष्ट्रीय समर्थकों द्वारा किसी उकसावे की कार्रवाई करने पर चीन ‘‘ ठोस कदम’’ उठाएगा।
मा ने कहा कि चीन ताइवान की मदद करने के लिए और नीतियों को लागू करेगा, चीन के साथ एकीकरण के लाभ को रेखांकित करेगा और लोगों से लोगों के बीच संपर्क को प्रोत्साहित करेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘मातृभूमि को एकीकृत होनी चाहिए और (यह)निश्चित तौर पर एकीकृत होगी। यह ऐतिहासिक परिपाटी है, जिसे कोई रोक नहीं सकता।’’
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