विदेश की खबरें | चीन ने विक्रमसिंघे की नियुक्ति पर सावधानीपूर्वक प्रतिक्रिया दी

बीजिंग, 13 मई श्रीलंका के सबसे बड़े कर्जदाताओं में से एक चीन ने रानिल विक्रमसिंघे को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने पर शुक्रवार को सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा कि वह देश में स्थिरता बनाए रखने के सरकार के प्रयासों का समर्थन करता है।

विक्रमसिंघे ने महिंदा राजपक्षे का स्थान लिया है जिन्हें चीन समर्थक माना जाता था।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘पारंपरिक रूप से श्रीलंका का मित्र देश होने के नाते, हम नए घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और स्थिरता बनाए रखने के श्रीलंका सरकार के प्रयास का समर्थन करते हैं।"

उनसे यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) नेता विक्रमसिंघे की नियुक्ति को लेकर चीन की प्रतिक्रिया को लेकर सवाल किया गया था। विक्रमसिंघे ने अतीत में चीनी निवेश की जांच का आदेश दिया था। इसके अलावा प्रवक्ता से यह सवाल भी किया गया था कि क्या भारत की तरह चीन भी श्रीलंका से कर्ज राहत की पेशकश करेगा।

प्रवक्ता ने श्रीलंका में सभी राजनीतिक दलों से एकजुटता बनाए रखने, स्थिरता कायम करने और एक साथ मिलकर कठिनाइयों को दूर करने के चीन के पहले के आह्वान को दोहराया। हालांकि उन्होंने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि चीन कर्ज में डूबे श्रीलंका की मदद के लिए भारत जैसा कोई कदम उठाएगा या नहीं। भारत ने इस साल जनवरी से ऋण, ऋण पत्र आदि के जरिए तीन अरब अमेरिकी डालर से अधिक की प्रतिबद्धता जतायी है।

उन्होंने कहा, ‘‘ कर्ज के मुद्दे पर, हमने कई बार अपनी स्थिति बहुत स्पष्ट की है। हम संपर्क में बने रहने के लिए श्रीलंका के साथ काम करते रहेंगे, और राजनीतिक, सामाजिक तथा आर्थिक स्थिरता जल्द से जल्द बहाल करने में श्रीलंका की मदद करेंगे।"

उल्लेखनीय है कि चीन ने महिंदा राजपक्षे के इस्तीफे पर अभी तक चुप्पी साध रखी है। महिंदा ने श्रीलंका में चीन के महत्वपूर्ण रणनीतिक निवेश का मार्ग प्रशस्त किया था

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