बीजिंग, 24 जून चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चीन और भारत अपने नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और सिलसिलेवार समझौतों का ‘‘सख्ती से पालन करने’’, सैन्य क्षेत्र में विश्वास बहाली के उपायों को और मजबूत करने तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता को संयुक्त रूप से बरकरार रखने के लिये बुधवार को राजी हुए।
दोनों देशों के वरिष्ठ राजनयिकों ने 15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव घटाने के तरीके तलाशने के लिये वीडियो कांफ्रेंस के जरिये ‘स्पष्ट और गहन’ वार्ता की।
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चीनी विदेश मंत्रालय में सीमा एवं सागरीय मामलों के विभाग के महानिदेशक होंग लियांग और भारतीय विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया), नवीन श्रीवास्तव के बीच यह वार्ता हुई।
विदेश मंत्रालय द्वारा यहां जारी एक बयान के मुताबिक, ‘‘दोनों पक्षों ने चीन-भारत सीमा पर हालिया स्थिति पर स्पष्ट रूप से और गहनता से विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच 17 जून को फोन पर बातचीत के दौरान बनी महत्वपूर्ण सहमति को यथाशीघ्र लागू करने की इच्छा जताई। ’’
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बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों पक्ष छह जून और 22 जून को सैन्य स्तर की दो चरण की वार्ता के नतीजों को क्रियान्वित करने के लिये दोनों देशों की सेनाओं के साथ दोनों पक्ष सक्रियता से सहयोग करेंगे। दोनों पक्ष सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों के जरिये संचार एवं समन्वय मजबूत करने तथा सीमावर्ती इलाकों में प्रासंगिक मुद्दों का द्विपक्षीय वार्ता एवं विचार-विमर्श के जरिये शांतिपूर्ण समाधान करने को राजी हुए।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘दोनों पक्ष दोनों देशों के नेताओं के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और सिलसिलेवार समझौतों का ‘सख्ती से पालन करने’, सैन्य क्षेत्र में विश्वास बहाली के उपायों को और मजबूत करने तथा सीमावर्ती इलाकों में शांति एवं स्थिरता को संयुक्त रूप से बरकरार रखने के लिये बुधवार को राजी हुए। ’’
भारत और चीन के बीच सीमा मामलों पर विचार विमर्श एवं समन्वय के लिये कार्यकारी तंत्र में दोनों देशों के विदेश, रक्षा, आव्रजन और अन्य विभागों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
पूर्वी लद्दाख में टकराव के सभी स्थानों से अपने-अपने सैनिकों को हटाने के लिये चीनी और भारतीय सेनाओं के बीच बनी परस्पर सहमति के दो दिन बाद यह वार्ता हुई है।
उल्लेखनीय है कि 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय थल सेना के 20 कर्मी शहीद हो गये थे, जिससे क्षेत्र में स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
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